शहरी योजनाकार इंजीनियरिंग, वास्तुकला डिजाइन, और प्रबंधन के विभिन्न क्षेत्रों के ज्ञान का उपयोग करते हुए शहरों और उनके आस-पास के पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने में सहायता करते हैं। वे टिकाऊ और इष्टतम भूमि उपयोग के लिए कार्यक्रम और योजनाएँ बनाते और विकसित करते हैं।
व्यक्तिगत क्षमताएं
• आपको वस्तुएं बनाना पसंद हो।
• आपका दिमाग रचनात्मक हो।
• आपके पास बेहतरीन संचार कौशल हो।
• आपको चीज़ों का विश्लेषण करना पसंद हो।
प्रवेश मार्ग
1. किसी भी वर्ग में 10+2 पूरा करें।
2. प्लानिंग/सिविल इंजीनियरिंग/आर्किटेक्चर/भूगोल/अर्थशास्त्र/लोक प्रशासन/राजनीति विज्ञान/शहरी या क्षेत्रीय नियोजन में स्नातक की डिग्री पूरी करें। अथवा
बैचलर की डिग्री पूरी करें, उसके बाद प्लानिंग/शहरी और क्षेत्रीय नियोजन में स्नातकोत्तर डिग्री और उसके बाद शहरी और क्षेत्रीय नियोजन/पर्यावरण नियोजन में पीएचडी करें। अथवा
शहरी नियोजन और विकास/भौगोलिक सूचना प्रणाली में सर्टिफिकेट कोर्स।
स्नातक कोर्स में प्रवेश के लिए, आपको जे.ई.ई. मेन, एन.ए.टी.ए., यू.पी.एस.ई.ई. आदि जैसी प्रवेश परीक्षाएँ उत्तीर्ण करनी होंगी। पी.जी. पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए गेट जैसी प्रवेश परीक्षा की आवश्यकता होती है।
कृपया नामांकन के दौरान पाठ्यक्रम की अवधि की जाँच करें।
शैक्षिक संस्थान
सिविल इंजीनियरिंग और वास्तुकला में स्नातक की डिग्री प्रदान करने वाला मान्यता प्राप्त महाविद्यालय।
कुछ महाविद्यालय शहरी नियोजन और संबद्ध विषयों में स्नातक के रूप में यह पाठ्यक्रम संचालित करते हैं: संस्थानों की यह सूची केवल सांकेतिक है।
सरकारी संस्थान
1. जवाहरलाल नेहरू वास्तुकला और ललित कला विश्वविद्यालय, हैदराबाद, तेलंगाना
2. हेमचंद्राचार्य उत्तर गुजरात विश्वविद्यालय, पाटन, गुजरात
3. डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
4. गोवा कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर, पणजी, गोवा
5. पंडित लखमी चंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स, रोहतक, हरियाणा
6. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे, मुंबई,महाराष्ट्र
7. महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा
8. भारतीय इंजीनियरिंग विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, शिबपुर, पश्चिम बंगाल
निजी संस्थान
(कृपया आवेदन करने से पहले जाँच लें कि संस्थान यू.जी.सी. और ए. आई.सी.टी.ई. से संबद्ध और मान्यता प्राप्त है या नहीं)
1. स्वर्णिम स्टार्टअप और इनोवेशन यूनिवर्सिटी, गांधीनगर, गुजरात
2. पीपी सवानी यूनिवर्सिटी, सूरत,गुजरात
3. मंगलम स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग, कोट्टायम, केरल
4. बीएमएस स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर, बैंगलोर, कर्नाटक
5. सनराइज यूनिवर्सिटी, अलवर,राजस्थान
6. श्रीमती मनोरमाबाई मुंडले कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर, नागपुर,कर्नाटक
7. अनंत नेशनल यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद,गुजरात
8. हिंदू कॉलेज ऑफ डिजाइन, आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग, सोनीपत, हरियाणा
दूरस्थ शिक्षा संस्थान
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू)
फीस
अनुमानित पाठ्यक्रम शुल्क रूपए 50,000- 2,00,000* के बीच हो सकता है।
*उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
छात्रवृत्ति/ऋण
छात्रवृत्ति
• किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना छात्रवृत्ति: यह छात्रवृत्ति अभियांत्रिकी स्नातक पाठ्यक्रम के पहले वर्ष में नामांकित विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है। इसकी पात्रता में एक योग्यता परीक्षा शामिल है। यह भारत सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है, जिसके पास वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए एक उत्तम योग्यता होती है।*
• योग्यता-सह-साधन आधारित छात्रवृत्ति: अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा प्रत्येक वर्ष लगभग 20,000 अभियांत्रिकी छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं। इस योजना के अंतर्गत उम्मीदवारों का समस्त पाठ्यक्रम शुल्क सीधे उनके संस्थानों को भुगतान किया जाता है।*
• इंडियन ऑयल एजुकेशनल स्कॉलरशिप: आई.ओ.सी. लिमिटेड पात्र विद्यार्थियों को प्रत्येक वर्ष 300 छात्रवृत्तियां प्रदान करता है, इसके लिए विद्यार्थियों को एक स्नातक पाठ्यक्रम में नामांकित होना होता है। छात्रवृत्ति विशेष रूप से शारीरिक अक्षमता वाले छात्रों, महिलाओं और उत्तर पूर्व और जम्मू-कश्मीर के विद्यार्थियों के लिए है।*
• सभी नवीनतम जानकारियों के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। इस पोर्टल के अंतर्गत केंद्र के विभिन्न विभागों, यू.जी.सी./ए.आई.सी.टी.ई. योजनाओं और राज्य शासन की योजनाएं प्रस्तुत की जाती हैं।*
• योग्यता के आधार पर संस्थानों द्वारा भी छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।*
*(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
ऋण
• विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in, शिक्षा ऋण लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्च शिक्षा विभाग (शिक्षा मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है , पोर्टल पर कभी भी विद्यार्थी बैंकों में शिक्षा ऋण आवेदनों को देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और शिक्षा ऋण की तथागत स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
• कुछ राज्यों में कम ब्याज दर पर विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
• सभी बैंक शिक्षा ऋण प्रदान करते हैं।
आप कहाँ पर कार्य करेंगे
कार्य स्थल: आप केंद्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय-नगरपालिका प्राधिकरण, आर्किटेक्चरल फर्म आदि के साथ काम कर सकते हैं।
कार्य वातावरण: एक शहरी योजनाकार के रूप में, आप ज़्यादातर कार्यालय से काम करेंगे, लेकिन साथ ही आपको अक्सर अलग-अलग प्रोजेक्ट साइटों पर भी जाना होगा। आप कार्यालय में योजना, डिजाइनिंग और प्रेजेंटेशन का काम करेंगे और क्लाइंट, डेवलपर्स, इंजीनियरों, आर्किटेक्ट्स और सार्वजनिक अधिकारियों से मिलेंगे।
इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
किस प्रकार तरक्की कर सकते हैं
शहरी योजनाकार → वरिष्ठ योजनाकार → योजना प्रबंधक → योजना निदेशक
अपेक्षाकृत वेतन
शहरी योजनाकार की आय रुपए 31,000 - 50,000* प्रति माह के बीच हो सकती है।
डॉ. एन.बी. जौहरी एक प्रमुख शहरी और क्षेत्रीय योजनाकार हैं, जिन्होंने भौगोलिक नियोजन में डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की है। उनकी अगुवाई में उनकी फर्म ने भारत और अन्य देशों में कई नियोजन परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है। उनके हालिया अंतरराष्ट्रीय कार्यों में दुबई आउटलेट सिटी के लिए मास्टर प्लान तैयार करना शामिल है। इसके अलावा, वह विभिन्न शहर विकास, परिवहन नियोजन और बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं के लिए एक वरिष्ठ सलाहकार के रूप में भी कार्यरत हैं। डॉ. जौहरी ने भारत सरकार के लिए नीतियों को बनाने और लागू करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
शहरी योजनाकार
NCS Code: NA | OLH031• आपको वस्तुएं बनाना पसंद हो।
• आपका दिमाग रचनात्मक हो।
• आपके पास बेहतरीन संचार कौशल हो।
• आपको चीज़ों का विश्लेषण करना पसंद हो।
1. किसी भी वर्ग में 10+2 पूरा करें।
2. प्लानिंग/सिविल इंजीनियरिंग/आर्किटेक्चर/भूगोल/अर्थशास्त्र/लोक प्रशासन/राजनीति विज्ञान/शहरी या क्षेत्रीय नियोजन में स्नातक की डिग्री पूरी करें।
अथवा
बैचलर की डिग्री पूरी करें, उसके बाद प्लानिंग/शहरी और क्षेत्रीय नियोजन में स्नातकोत्तर डिग्री और उसके बाद शहरी और क्षेत्रीय नियोजन/पर्यावरण नियोजन में पीएचडी करें।
अथवा
शहरी नियोजन और विकास/भौगोलिक सूचना प्रणाली में सर्टिफिकेट कोर्स।
स्नातक कोर्स में प्रवेश के लिए, आपको जे.ई.ई. मेन, एन.ए.टी.ए., यू.पी.एस.ई.ई. आदि जैसी प्रवेश परीक्षाएँ उत्तीर्ण करनी होंगी। पी.जी. पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए गेट जैसी प्रवेश परीक्षा की आवश्यकता होती है।
कृपया नामांकन के दौरान पाठ्यक्रम की अवधि की जाँच करें।
सिविल इंजीनियरिंग और वास्तुकला में स्नातक की डिग्री प्रदान करने वाला मान्यता प्राप्त महाविद्यालय।
कुछ महाविद्यालय शहरी नियोजन और संबद्ध विषयों में स्नातक के रूप में यह पाठ्यक्रम संचालित करते हैं:
संस्थानों की यह सूची केवल सांकेतिक है।
सरकारी संस्थान
1. जवाहरलाल नेहरू वास्तुकला और ललित कला विश्वविद्यालय, हैदराबाद, तेलंगाना
2. हेमचंद्राचार्य उत्तर गुजरात विश्वविद्यालय, पाटन, गुजरात
3. डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
4. गोवा कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर, पणजी, गोवा
5. पंडित लखमी चंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स, रोहतक, हरियाणा
6. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे, मुंबई,महाराष्ट्र
7. महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा
8. भारतीय इंजीनियरिंग विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, शिबपुर, पश्चिम बंगाल
निजी संस्थान
(कृपया आवेदन करने से पहले जाँच लें कि संस्थान यू.जी.सी. और ए. आई.सी.टी.ई. से संबद्ध और मान्यता प्राप्त है या नहीं)
1. स्वर्णिम स्टार्टअप और इनोवेशन यूनिवर्सिटी, गांधीनगर, गुजरात
2. पीपी सवानी यूनिवर्सिटी, सूरत,गुजरात
3. मंगलम स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग, कोट्टायम, केरल
4. बीएमएस स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर, बैंगलोर, कर्नाटक
5. सनराइज यूनिवर्सिटी, अलवर,राजस्थान
6. श्रीमती मनोरमाबाई मुंडले कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर, नागपुर,कर्नाटक
7. अनंत नेशनल यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद,गुजरात
8. हिंदू कॉलेज ऑफ डिजाइन, आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग, सोनीपत, हरियाणा
संस्थान रैंकिंग की जानकारी यहां उपलब्ध है - https://www.nirfindia.org/Rankings/2023/Ranking.html
दूरस्थ शिक्षा संस्थान
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू)
अनुमानित पाठ्यक्रम शुल्क रूपए 50,000- 2,00,000* के बीच हो सकता है।
*उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
छात्रवृत्ति
• किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना छात्रवृत्ति: यह छात्रवृत्ति अभियांत्रिकी स्नातक पाठ्यक्रम के पहले वर्ष में नामांकित विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है। इसकी पात्रता में एक योग्यता परीक्षा शामिल है। यह भारत सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है, जिसके पास वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए एक उत्तम योग्यता होती है।*
• योग्यता-सह-साधन आधारित छात्रवृत्ति: अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा प्रत्येक वर्ष लगभग 20,000 अभियांत्रिकी छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं। इस योजना के अंतर्गत उम्मीदवारों का समस्त पाठ्यक्रम शुल्क सीधे उनके संस्थानों को भुगतान किया जाता है।*
• इंडियन ऑयल एजुकेशनल स्कॉलरशिप: आई.ओ.सी. लिमिटेड पात्र विद्यार्थियों को प्रत्येक वर्ष 300 छात्रवृत्तियां प्रदान करता है, इसके लिए विद्यार्थियों को एक स्नातक पाठ्यक्रम में नामांकित होना होता है। छात्रवृत्ति विशेष रूप से शारीरिक अक्षमता वाले छात्रों, महिलाओं और उत्तर पूर्व और जम्मू-कश्मीर के विद्यार्थियों के लिए है।*
• सभी नवीनतम जानकारियों के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। इस पोर्टल के अंतर्गत केंद्र के विभिन्न विभागों, यू.जी.सी./ए.आई.सी.टी.ई. योजनाओं और राज्य शासन की योजनाएं प्रस्तुत की जाती हैं।*
• योग्यता के आधार पर संस्थानों द्वारा भी छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।*
*(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
ऋण
• विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in, शिक्षा ऋण लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्च शिक्षा विभाग (शिक्षा मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है , पोर्टल पर कभी भी विद्यार्थी बैंकों में शिक्षा ऋण आवेदनों को देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और शिक्षा ऋण की तथागत स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
• कुछ राज्यों में कम ब्याज दर पर विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
• सभी बैंक शिक्षा ऋण प्रदान करते हैं।
कार्य स्थल: आप केंद्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय-नगरपालिका प्राधिकरण, आर्किटेक्चरल फर्म आदि के साथ काम कर सकते हैं।
कार्य वातावरण: एक शहरी योजनाकार के रूप में, आप ज़्यादातर कार्यालय से काम करेंगे, लेकिन साथ ही आपको अक्सर अलग-अलग प्रोजेक्ट साइटों पर भी जाना होगा। आप कार्यालय में योजना, डिजाइनिंग और प्रेजेंटेशन का काम करेंगे और क्लाइंट, डेवलपर्स, इंजीनियरों, आर्किटेक्ट्स और सार्वजनिक अधिकारियों से मिलेंगे।
इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
शहरी योजनाकार → वरिष्ठ योजनाकार → योजना प्रबंधक → योजना निदेशक
शहरी योजनाकार की आय रुपए 31,000 - 50,000* प्रति माह के बीच हो सकती है।
स्रोत: https://www.glassdoor.co.in/Salaries/urban-planner-salary-SRCH_KO0,13.htm
*उल्लेखित आय सांकेतिक एवं परिवर्तनीय है।
फील्ड के कुछ अनुभव
डॉ. एन.बी. जौहरी एक प्रमुख शहरी और क्षेत्रीय योजनाकार हैं, जिन्होंने भौगोलिक नियोजन में डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की है। उनकी अगुवाई में उनकी फर्म ने भारत और अन्य देशों में कई नियोजन परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है। उनके हालिया अंतरराष्ट्रीय कार्यों में दुबई आउटलेट सिटी के लिए मास्टर प्लान तैयार करना शामिल है। इसके अलावा, वह विभिन्न शहर विकास, परिवहन नियोजन और बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं के लिए एक वरिष्ठ सलाहकार के रूप में भी कार्यरत हैं। डॉ. जौहरी ने भारत सरकार के लिए नीतियों को बनाने और लागू करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
स्रोत: https://www.re-thinkingthefuture.com/know-your-architects/a2401-8-indian-urban-planners-working-around-the-world/
*उपरोक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।