एक वेस्ट कलेक्टर को गलियों, कूड़ेदानों, लैंडफिल, सामग्री रिकवरी सुविधाओं आदि से अपशिष्ट, कूड़ा या कचरा इकट्ठा करने और अलग करने का काम सौंपा जाता है। एक वेस्ट कलेक्टर काम आ सकने वाले कचरे को रिसायकिल करने और काम ना आ सकने वाले कचरे का निपटान करता है।
व्यक्तिगत क्षमताएं
आप शारीरिक रूप से स्वस्थ हों।
आप दूसरों की मदद करना पसंद करते हों।
आप दूसरों के साथ संवाद करने में सहज हों।
आप अनुसरण करने के लिए स्पष्ट निर्देश चाहते हों।
प्रवेश मार्ग
न्यूनतम योग्यता कक्षा 8 पूरी करने और 18 वर्ष की आयु होने के बाद आप वेस्ट कलेक्टर और सेग्रेगेटर ट्रेनिंग के लिए नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एन.एस.क्यू.एफ.)* लेवल 4 हेतु नामांकन करवा सकते हैं।
*एन.एस.क्यू.एफ. एक राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत शिक्षा और योग्यता-आधारित ढांचा है जो व्यक्तियों को चुने हुए क्षेत्र में वांछित योग्यता स्तर प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। एन.एस.क्यू.एफ. में व्यावसायिक शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, सामान्य शिक्षा और तकनीकी शिक्षा शामिल है जो किसी भी व्यक्ति के कौशल को विकसित करते हए जॉब मार्केट के लिए तैयार करती है। एक व्यक्ति अनुभव प्राप्त करने के बाद कौशल को अपग्रेड करने के लिए किसी भी समय वापस आ सकता है।
छात्रवृत्ति • NSP के साथ पंजीकृत ITI के विवरण के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल: scholarships.gov.in/fresh/onlineInstituteSearchIndex लिंक पर देखें। • आई.टी.आई./व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए छात्रवृत्ति के विवरण के लिए buddy4study.com या buddy4study.com/article/iti-scholarships लिंक पर देखें।
(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
आप कहाँ पर कार्य करेंगे
कार्यस्थल: वेस्ट कलेक्टर एजेंसियां, वेस्ट प्रॉसेसिंग इकाइयां और अन्य।
काम का माहौल: आपको कम से कम 8 - 9 घंटे और हफ्ते में 5 - 6 दिन काम करना होगा। शिफ्ट ड्यूटी हो सकती है। ओवरटाइम करना आम बात है।
इस क्षेत्र में दिव्यांगों के लिए काम के अवसर मौजूद हैं।
किस प्रकार तरक्की कर सकते हैं
वेस्ट कलेक्टर → प्रक्रिया पर्यवेक्षक
अपेक्षाकृत वेतन
वेस्ट कलेक्टर की लगभग आय 7,000 - 7,500 रूपये* प्रति माह के बीच होती है।
स्रोत: https://bit.ly/3m4UEaA *एन.सी.एस. से ली गयी उपरोक्त आय सांकेतिक है और परिवर्तन के अधीन है।
फील्ड के कुछ अनुभव
जब देबर्थ बनर्जी, जयंत नटराजू और ऋत्विक राव ने भारत में कचरे को संभालने के तरीके को बदलने की ठानी तब, उन्हें न केवल अज्ञानता बल्कि उदासीनता से भी लड़ना पड़ा। इंजीनियरिंग में डिग्री और सामाजिक उद्यमिता में स्नातकोत्तर (post graduation) के साथ सशस्त्र, उन्होंने शहरी अपशिष्ट प्रबंधन पर केंद्रित एक मुंबई स्थित स्टार्टअप - संपूर्ण (ई)अर्थ की स्थापना की। विजया श्रीनिवासन, एक ग्राहक, साझा करती हैं कि उनके पड़ोस के निवासी शुरू में बहुत अनिच्छुक थे। वे दो अलग-अलग बैग रखने और स्रोत पर भोजन को अलग करने की पूरी प्रक्रिया नहीं करना चाहते थे। छह महीने के अथक प्रचार के बाद टीम की कोशिशों का असर दिखने लगा है। हालांकि लोगों की धारणा को बदलने के लिए एक लंबा रास्ता तय करना है। सह-संस्थापक और निदेशक देबत्रा बनर्जी को लगता है कि यह बदलाव सही दिशा में जा रहा है। संपूर्ण(ई)अर्थ कचरा कलेक्टर्ज़ को उचित परिस्थितियों में काम करने के लिए वेस्ट कलेक्टर्ज़ को रोजगार प्रदान करने के लिए भी काम करता है। वे अपने रिसायक्लिंग प्रयासों की बदौलत अधिक पैसा कमाते हैं। इन सबसे ऊपर, वे सिर्फ 'कचरा बीनने वाले' होने के बजाय, गर्व से अपनी आस्तीन पर 'कचरा प्रबंधक' का नया शीर्षक धारण करते हैं। सम्पूर्ण अर्थ असंतोष और मोहभंग की भावना से पैदा हुआ था और कई गलतियों को सुधारने और देश की आम जनता की मानसिकता को बदलने का प्रयास करने में सफल हुआ।*
वेस्ट कलेक्टर
NCS Code: 9611.0100 | V085न्यूनतम योग्यता
कक्षा 8 पूरी करने और 18 वर्ष की आयु होने के बाद आप वेस्ट कलेक्टर और सेग्रेगेटर ट्रेनिंग के लिए नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एन.एस.क्यू.एफ.)* लेवल 4 हेतु नामांकन करवा सकते हैं।
*एन.एस.क्यू.एफ. एक राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत शिक्षा और योग्यता-आधारित ढांचा है जो व्यक्तियों को चुने हुए क्षेत्र में वांछित योग्यता स्तर प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। एन.एस.क्यू.एफ. में व्यावसायिक शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, सामान्य शिक्षा और तकनीकी शिक्षा शामिल है जो किसी भी व्यक्ति के कौशल को विकसित करते हए जॉब मार्केट के लिए तैयार करती है। एक व्यक्ति अनुभव प्राप्त करने के बाद कौशल को अपग्रेड करने के लिए किसी भी समय वापस आ सकता है।
सरकारी संस्थान
1. राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एन.एस.डी.सी.): https://www.nsdcindia.org/find-nsdc-training-centre लिंक पर जाएँ।
2. जन शिक्षण संस्थान (जे.एस.एस.): https://nsdcindia.org/find-nsdc-training-centre-jss/ लिंक पर जाएँ।
3. एन.आई.ओ.एस. प्रशिक्षण केंद्र: https://voc.nios.ac.in/registration/locate-study-centre लिंक पर जाएँ।
4. एन.एस.क्यू.एफ. केंद्रों की सूची: https://www.aicteindia.org/sites/default/files/Vocational%20institutions%20272%20recommended%20AY%202020-21.pdf लिंक पर जाएँ।
अधिकांश सरकारी योजनाएँ मुफ़्त हैं।
छात्रवृत्ति
• NSP के साथ पंजीकृत ITI के विवरण के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल: scholarships.gov.in/fresh/onlineInstituteSearchIndex लिंक पर देखें।
• आई.टी.आई./व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए छात्रवृत्ति के विवरण के लिए buddy4study.com या buddy4study.com/article/iti-scholarships लिंक पर देखें।
(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
कार्यस्थल: वेस्ट कलेक्टर एजेंसियां, वेस्ट प्रॉसेसिंग इकाइयां और अन्य।
काम का माहौल: आपको कम से कम 8 - 9 घंटे और हफ्ते में 5 - 6 दिन काम करना होगा। शिफ्ट ड्यूटी हो सकती है। ओवरटाइम करना आम बात है।
इस क्षेत्र में दिव्यांगों के लिए काम के अवसर मौजूद हैं।
वेस्ट कलेक्टर → प्रक्रिया पर्यवेक्षक
वेस्ट कलेक्टर की लगभग आय 7,000 - 7,500 रूपये* प्रति माह के बीच होती है।
स्रोत: https://bit.ly/3m4UEaA
*एन.सी.एस. से ली गयी उपरोक्त आय सांकेतिक है और परिवर्तन के अधीन है।
फील्ड के कुछ अनुभव
जब देबर्थ बनर्जी, जयंत नटराजू और ऋत्विक राव ने भारत में कचरे को संभालने के तरीके को बदलने की ठानी तब, उन्हें न केवल अज्ञानता बल्कि उदासीनता से भी लड़ना पड़ा। इंजीनियरिंग में डिग्री और सामाजिक उद्यमिता में स्नातकोत्तर (post graduation) के साथ सशस्त्र, उन्होंने शहरी अपशिष्ट प्रबंधन पर केंद्रित एक मुंबई स्थित स्टार्टअप - संपूर्ण (ई)अर्थ की स्थापना की। विजया श्रीनिवासन, एक ग्राहक, साझा करती हैं कि उनके पड़ोस के निवासी शुरू में बहुत अनिच्छुक थे। वे दो अलग-अलग बैग रखने और स्रोत पर भोजन को अलग करने की पूरी प्रक्रिया नहीं करना चाहते थे। छह महीने के अथक प्रचार के बाद टीम की कोशिशों का असर दिखने लगा है। हालांकि लोगों की धारणा को बदलने के लिए एक लंबा रास्ता तय करना है। सह-संस्थापक और निदेशक देबत्रा बनर्जी को लगता है कि यह बदलाव सही दिशा में जा रहा है। संपूर्ण(ई)अर्थ कचरा कलेक्टर्ज़ को उचित परिस्थितियों में काम करने के लिए वेस्ट कलेक्टर्ज़ को रोजगार प्रदान करने के लिए भी काम करता है। वे अपने रिसायक्लिंग प्रयासों की बदौलत अधिक पैसा कमाते हैं। इन सबसे ऊपर, वे सिर्फ 'कचरा बीनने वाले' होने के बजाय, गर्व से अपनी आस्तीन पर 'कचरा प्रबंधक' का नया शीर्षक धारण करते हैं। सम्पूर्ण अर्थ असंतोष और मोहभंग की भावना से पैदा हुआ था और कई गलतियों को सुधारने और देश की आम जनता की मानसिकता को बदलने का प्रयास करने में सफल हुआ।*
स्रोत: https://yourstory.com/2015/03/sampurnearth-waste-management
*उपरोक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण के उद्देश्य से है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।
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