मौसम विज्ञानी , पृथ्वी विज्ञान की एक शाखा है, जो वायुमंडल का अध्ययन कर मौसम की स्थितियों का पूर्वानुमान लगाने से संबंधित है। मौसम विज्ञानी यह भी अध्ययन करते हैं कि वायुमंडलीय और मौसम की स्थितियां पृथ्वी और उसके निवासियों को कैसे प्रभावित करती हैं।
व्यक्तिगत क्षमताएं
• आपको विज्ञान पसंद हो।
• आप विवरणों पर ध्यान देते हों।
• आपको समस्याओं/स्थितियों का विश्लेषण करना पसंद हो।
• आपको संख्याओं के साथ काम करना पसंद हो।
प्रवेश मार्ग
1. विज्ञान वर्ग (भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित) में 10+2 पूरा करें।
2. मौसम विज्ञान में स्नातक की डिग्री (बी.टेक./बी.एससी) पूरी करें। अथवा
मौसम विज्ञान में डिप्लोमा पूरा करें। अथवा
स्नातक की डिग्री पूरी करें और उसके बाद उसी या संबद्ध क्षेत्र में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त करें।
प्रवेश के लिए, आपको राष्ट्रीय स्तर (जे.ई.ई. मेन, जे.ई.ई. एडवांस्ड आदि) या राज्य स्तर (डब्ल्यू.बी.जे.ई.ई., ए.पी. ई.ए.एम.सी.ई.टी. आदि) या संस्थान स्तर (वी.ई.टी., आई.पी. आदि) पर आयोजित प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
कृपया नामांकन के दौरान पाठ्यक्रम की अवधि की जांच करें।
शैक्षिक संस्थान
यह पाठ्यक्रम इंजीनियरिंग विभाग द्वारा संचालित किया जाता है। *उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
सरकारी संस्थान
1. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर, पश्चिम बंगाल
2. वायुमंडलीय और महासागरीय विज्ञान केंद्र , भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु, कर्नाटक
3. आंध्र विश्वविद्यालय, विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश
4. कोचीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय , कोच्चि, केरल
5. महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा, वडोदरा, गुजरात
6. शिवाजी विश्वविद्यालय, विद्यानगर, कोल्हापुर, महाराष्ट्र
7. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, नई दिल्ली
8. भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान , पुणे, महाराष्ट्र
निजी संस्थान
(कृपया आवेदन करने से पहले जांच लें कि संस्थान यू.जी.सी. और ए.आई.सी.टी.ई. से संबद्ध और मान्यता प्राप्त है या नहीं)
1. मणिपाल प्रौद्योगिकी संस्थान, मणिपाल, कर्नाटक
2. पेट्रोलियम और ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय , देहरादून,उत्तराखंड
3. एनआईआईटी विश्वविद्यालय, नीमराना, राजस्थान
4. जैन विश्वविद्यालय, बेंगलुरु, कर्नाटक
5. केएल विश्वविद्यालय, वड्डेश्वरम, आंध्र प्रदेश
6. अमृता विश्व विद्यापीठम, कोयंबटूर, तमिलनाडु
7. राजलक्ष्मी इंजीनियरिंग कॉलेज, चेन्नई, तमिलनाडु
8. आईसीएफएआई फाउंडेशन फॉर हायर एजुकेशन, हैदराबाद, तेलंगाना
फीस
अनुमानित शुल्क रुपए 10,000 से 24,00,000 * के बीच हो सकता है।
*उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
छात्रवृत्ति/ऋण
छात्रवृत्ति
• किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना छात्रवृत्ति: यह छात्रवृत्ति अभियांत्रिकी स्नातक पाठ्यक्रम के पहले वर्ष में नामांकित विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है। इसकी पात्रता में एक योग्यता परीक्षा शामिल है। यह भारत सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है, जिसके पास वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए एक उत्तम योग्यता होती है।*
• योग्यता-सह-साधन आधारित छात्रवृत्ति: अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा प्रत्येक वर्ष लगभग 20,000 अभियांत्रिकी छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं। इस योजना के अंतर्गत उम्मीदवारों का समस्त पाठ्यक्रम शुल्क सीधे उनके संस्थानों को भुगतान किया जाता है।*
• इंडियन ऑयल एजुकेशनल स्कॉलरशिप: आई.ओ.सी. लिमिटेड पात्र विद्यार्थियों को प्रत्येक वर्ष 300 छात्रवृत्तियां प्रदान करता है, इसके लिए विद्यार्थियों को एक स्नातक पाठ्यक्रम में नामांकित होना होता है। छात्रवृत्ति विशेष रूप से शारीरिक अक्षमता वाले छात्रों, महिलाओं और उत्तर पूर्व और जम्मू-कश्मीर के विद्यार्थियों के लिए है।*
• सभी नवीनतम जानकारियों के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। इस पोर्टल के अंतर्गत केंद्र के विभिन्न विभागों, यू.जी.सी./ए.आई.सी.टी.ई. योजनाओं और राज्य शासन की योजनाएं प्रस्तुत की जाती हैं।*
• योग्यता के आधार पर संस्थानों द्वारा भी छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।*
*(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
ऋण
• विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in , शिक्षा ऋण लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्च शिक्षा विभाग (शिक्षा मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है , पोर्टल पर कभी भी विद्यार्थी बैंकों में शिक्षा ऋण आवेदनों को देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और शिक्षा ऋण की तथागत स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
• कुछ राज्यों में कम ब्याज दर पर विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
• सभी बैंक शिक्षा ऋण प्रदान करते हैं।
आप कहाँ पर कार्य करेंगे
कार्य स्थल: सरकारी मौसम विज्ञान विभाग, वायु सेना, अंतरिक्ष केंद्र, राष्ट्रीय सुदूर संवेदन एजेंसी, कॉलेज/विश्वविद्यालय, अन्य निजी और सार्वजनिक संगठन।
कार्य वातावरण: यह एक पूर्णकालिक नौकरी है। आप एक कार्यालय सेटिंग में काम करेंगे। आपको हर दिन 8 से 9 घंटे, सप्ताह में 5 से 6 दिन काम करना होगा। यह संगठन से संगठन में भिन्न हो सकता है।
इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
किस प्रकार तरक्की कर सकते हैं
कनिष्ठ शोधकर्ता → मौसम विज्ञानी → विभागाध्यक्ष
अथवा
कनिष्ठ शोधकर्ता → मौसम विज्ञानी → शिक्षक
अपेक्षाकृत वेतन
मौसम विज्ञानी की अनुमानित आय रुपए 75,793 - 1,34,011* प्रति माह के बीच हो सकती है।
अन्ना मणि (23 अगस्त 1918 - 16 अगस्त 2001) एक भारतीय भौतिक विज्ञानी और मौसम वैज्ञानिक थीं। वे भारतीय मौसम विभाग में उप महानिदेशक के पद पर कार्यरत थीं। उन्होंने मौसम विज्ञान से संबंधित उपकरणों के विकास में अहम योगदान दिया और सौर विकिरण, ओजोन तथा पवन ऊर्जा मापन पर शोध कार्य किया। उनके कई शोधपत्र प्रकाशित हुए, जिनका वैज्ञानिक क्षेत्र में विशेष महत्व रहा।
मौसम विज्ञानी
NCS Code: NA | RD022• आपको विज्ञान पसंद हो।
• आप विवरणों पर ध्यान देते हों।
• आपको समस्याओं/स्थितियों का विश्लेषण करना पसंद हो।
• आपको संख्याओं के साथ काम करना पसंद हो।
1. विज्ञान वर्ग (भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित) में 10+2 पूरा करें।
2. मौसम विज्ञान में स्नातक की डिग्री (बी.टेक./बी.एससी) पूरी करें।
अथवा
मौसम विज्ञान में डिप्लोमा पूरा करें।
अथवा
स्नातक की डिग्री पूरी करें और उसके बाद उसी या संबद्ध क्षेत्र में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त करें।
प्रवेश के लिए, आपको राष्ट्रीय स्तर (जे.ई.ई. मेन, जे.ई.ई. एडवांस्ड आदि) या राज्य स्तर (डब्ल्यू.बी.जे.ई.ई., ए.पी. ई.ए.एम.सी.ई.टी. आदि) या संस्थान स्तर (वी.ई.टी., आई.पी. आदि) पर आयोजित प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
कृपया नामांकन के दौरान पाठ्यक्रम की अवधि की जांच करें।
यह पाठ्यक्रम इंजीनियरिंग विभाग द्वारा संचालित किया जाता है।
*उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
सरकारी संस्थान
1. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर, पश्चिम बंगाल
2. वायुमंडलीय और महासागरीय विज्ञान केंद्र , भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु, कर्नाटक
3. आंध्र विश्वविद्यालय, विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश
4. कोचीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय , कोच्चि, केरल
5. महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा, वडोदरा, गुजरात
6. शिवाजी विश्वविद्यालय, विद्यानगर, कोल्हापुर, महाराष्ट्र
7. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, नई दिल्ली
8. भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान , पुणे, महाराष्ट्र
निजी संस्थान
(कृपया आवेदन करने से पहले जांच लें कि संस्थान यू.जी.सी. और ए.आई.सी.टी.ई. से संबद्ध और मान्यता प्राप्त है या नहीं)
1. मणिपाल प्रौद्योगिकी संस्थान, मणिपाल, कर्नाटक
2. पेट्रोलियम और ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय , देहरादून,उत्तराखंड
3. एनआईआईटी विश्वविद्यालय, नीमराना, राजस्थान
4. जैन विश्वविद्यालय, बेंगलुरु, कर्नाटक
5. केएल विश्वविद्यालय, वड्डेश्वरम, आंध्र प्रदेश
6. अमृता विश्व विद्यापीठम, कोयंबटूर, तमिलनाडु
7. राजलक्ष्मी इंजीनियरिंग कॉलेज, चेन्नई, तमिलनाडु
8. आईसीएफएआई फाउंडेशन फॉर हायर एजुकेशन, हैदराबाद, तेलंगाना
अनुमानित शुल्क रुपए 10,000 से 24,00,000 * के बीच हो सकता है।
*उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
छात्रवृत्ति
• किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना छात्रवृत्ति: यह छात्रवृत्ति अभियांत्रिकी स्नातक पाठ्यक्रम के पहले वर्ष में नामांकित विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है। इसकी पात्रता में एक योग्यता परीक्षा शामिल है। यह भारत सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है, जिसके पास वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए एक उत्तम योग्यता होती है।*
• योग्यता-सह-साधन आधारित छात्रवृत्ति: अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा प्रत्येक वर्ष लगभग 20,000 अभियांत्रिकी छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं। इस योजना के अंतर्गत उम्मीदवारों का समस्त पाठ्यक्रम शुल्क सीधे उनके संस्थानों को भुगतान किया जाता है।*
• इंडियन ऑयल एजुकेशनल स्कॉलरशिप: आई.ओ.सी. लिमिटेड पात्र विद्यार्थियों को प्रत्येक वर्ष 300 छात्रवृत्तियां प्रदान करता है, इसके लिए विद्यार्थियों को एक स्नातक पाठ्यक्रम में नामांकित होना होता है। छात्रवृत्ति विशेष रूप से शारीरिक अक्षमता वाले छात्रों, महिलाओं और उत्तर पूर्व और जम्मू-कश्मीर के विद्यार्थियों के लिए है।*
• सभी नवीनतम जानकारियों के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। इस पोर्टल के अंतर्गत केंद्र के विभिन्न विभागों, यू.जी.सी./ए.आई.सी.टी.ई. योजनाओं और राज्य शासन की योजनाएं प्रस्तुत की जाती हैं।*
• योग्यता के आधार पर संस्थानों द्वारा भी छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।*
*(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
ऋण
• विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in , शिक्षा ऋण लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्च शिक्षा विभाग (शिक्षा मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है , पोर्टल पर कभी भी विद्यार्थी बैंकों में शिक्षा ऋण आवेदनों को देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और शिक्षा ऋण की तथागत स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
• कुछ राज्यों में कम ब्याज दर पर विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
• सभी बैंक शिक्षा ऋण प्रदान करते हैं।
कार्य स्थल: सरकारी मौसम विज्ञान विभाग, वायु सेना, अंतरिक्ष केंद्र, राष्ट्रीय सुदूर संवेदन एजेंसी, कॉलेज/विश्वविद्यालय, अन्य निजी और सार्वजनिक संगठन।
कार्य वातावरण: यह एक पूर्णकालिक नौकरी है। आप एक कार्यालय सेटिंग में काम करेंगे। आपको हर दिन 8 से 9 घंटे, सप्ताह में 5 से 6 दिन काम करना होगा। यह संगठन से संगठन में भिन्न हो सकता है।
इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
कनिष्ठ शोधकर्ता → मौसम विज्ञानी → विभागाध्यक्ष
अथवा
कनिष्ठ शोधकर्ता → मौसम विज्ञानी → शिक्षक
मौसम विज्ञानी की अनुमानित आय रुपए 75,793 - 1,34,011* प्रति माह के बीच हो सकती है।
स्रोत: https://www.erieri.com/salary/job/meteorologist/india
*उल्लेखित आय सांकेतिक एवं परिवर्तनीय है।
फील्ड के कुछ अनुभव
अन्ना मणि (23 अगस्त 1918 - 16 अगस्त 2001) एक भारतीय भौतिक विज्ञानी और मौसम वैज्ञानिक थीं। वे भारतीय मौसम विभाग में उप महानिदेशक के पद पर कार्यरत थीं। उन्होंने मौसम विज्ञान से संबंधित उपकरणों के विकास में अहम योगदान दिया और सौर विकिरण, ओजोन तथा पवन ऊर्जा मापन पर शोध कार्य किया। उनके कई शोधपत्र प्रकाशित हुए, जिनका वैज्ञानिक क्षेत्र में विशेष महत्व रहा।
स्रोत: http://nobelprizeseries.in/tbis/anna-mani
*उपरोक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।