मत्स्य विकास अधिकारी एक क्षेत्र में मत्स्य विकास परियोजनाओं को शुरू करने, योजना बनाने और कार्यान्वित करने के लिए उत्तरदायी होता है। उनकी मुख्य भूमिका में कटाई, प्रसंस्करण और विपणन क्षेत्रों में मत्स्य विकास गतिविधियों की पहचान करना और समन्वय करना शामिल है।
व्यक्तिगत क्षमताएं
• आपको बाहर काम करना पसंद हो।
• आप समस्याओं का विश्लेषण और समाधान करना पसंद करते हों।
• आप विज्ञान में रुचि रखते हों।
• आप टीम में काम करना पसंद करते हों।
प्रवेश मार्ग
1. विज्ञान वर्ग (भौतिक, रसायन और जीव विज्ञान) में 10+2 उत्तीर्ण करें।
2. औद्योगिक मत्स्य / जंतु विज्ञान / मत्स्य पालन में बी.एस. सी. करें।
अथवा
स्नातक (बी.एफएससी.) करें, इसके बाद स्नातकोत्तर (एम.एफएससी.) में एक्वाकल्चर / फिश प्रोसेसिंग / फिशरीज एक्सटेंशन / फिशरीज हाइड्रोग्राफी में से कोई एक विशेषज्ञता चुनें।
अथवा
एक्वाकल्चर प्रबंधन में डिप्लोमा पूरा करें।
प्रवेश के लिए, आपको प्रत्येक राज्य द्वारा आयोजित बी.एफएससी. प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
कृपया नामांकन के दौरान पाठ्यक्रम अवधि की जांच करें।
शैक्षिक संस्थान
यह पाठ्यक्रम मत्स्य विज्ञान विभाग द्वारा संचालित किया जाता है।
संस्थानों की यह सूची केवल सांकेतिक है।
सरकारी संस्थान
1. सरकारी होलकर विज्ञान महाविद्यालय, इंदौर, मध्य प्रदेश
2. राजामुंद्री सरकारी महाविद्यालय, आंध्र प्रदेश
3. मत्स्य महाविद्यालय एवं अनुसंधान संस्थान, तूथुकुड़ी, तमिलनाडु
4. डॉ. एमजीआर मत्स्य महाविद्यालय एवं अनुसंधान संस्थान, पोननेरी, तमिलनाडु
5. रामदयालु सिंह महाविद्यालय, मुजफ्फरपुर, बिहार
6. सरकारी डिग्री महाविद्यालय लड़के, बारामुला, जम्मू और कश्मीर
7. मत्स्य महाविद्यालय, अगरतला, त्रिपुरा
8. मत्स्य महाविद्यालय, ढोली, बिहार
9. मत्स्य महाविद्यालय, उदयपुर, राजस्थान
निजी संस्थान
(कृपया आवेदन करने से पहले जांच लें कि क्या संस्थान यू.जी.सी. और आई.सी.ए.आर. से संबद्ध और मान्यता प्राप्त है)
1. सेक्रेड हार्ट कॉलेज, कोच्चि, केरल
2. सेंट्रियन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, भुवनेश्वर, ओडिशा
3. सेंट अल्बर्ट्स कॉलेज, एर्नाकुलम, केरल
4. द मुस्लिम एजुकेशनल सोसाइटी असमाबी कॉलेज, त्रिशूर, केरल
5. करीम सिटी कॉलेज, जमशेदपुर (डिप्लोमा), झारखंड
6. दून पीजी कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी, देहरादून, उत्तराखंड
7. फोनिक्स ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, रुड़की, उत्तराखंड
8. जवाहर भारती डिग्री एंड पीजी कॉलेज, कवाली, आंध्र प्रदेश
दूरस्थ शिक्षा संस्थान:
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू)
फीस
अनुमानित पाठ्यक्रम शुल्क रुपए 5,640 - 4,00,000* के बीच है।
*उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
छात्रवृत्ति/ऋण
छात्रवृत्ति
• सभी नवीनतम जानकारियों के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। इस पोर्टल के अंतर्गत केंद्र के विभिन्न विभागों, यू.जी.सी./ए.आई.सी.टी.ई. योजनाओं और राज्य शासन की योजनाएं प्रस्तुत की जाती हैं।*
• योग्यता के आधार पर संस्थानों द्वारा भी छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।* *(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
ऋण
विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in , शिक्षा ऋण लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्च शिक्षा विभाग (शिक्षा मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है , पोर्टल पर कभी भी विद्यार्थी बैंकों में शिक्षा ऋण आवेदनों को देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और शिक्षा ऋण की तथागत स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
कुछ राज्यों में कम ब्याज दर पर विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
सभी बैंक शिक्षा ऋण प्रदान करते हैं।
आप कहाँ पर कार्य करेंगे
कार्य स्थल: सेंट्रल लैब, फिश प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज, एक्वाकल्चर फार्म, एक्वाकल्चर हैचरी और अन्य।
कार्य वातावरण: काम का समय आम तौर पर सप्ताह में 5-6 दिन प्रति दिन 7-8 घंटे के लिए होता है। शिफ्ट सिस्टम उपलब्ध है।
इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
किस प्रकार तरक्की कर सकते हैं
फील्डमैन → फिश ओवरसियर → मत्स्य अधिकारी → मत्स्य विकास अधिकारी
अपेक्षाकृत वेतन
मत्स्य विकास अधिकारी की आय रुपए 30,000 - 42,000* प्रति माह हो सकती है।
डॉ. प्रदीप कुमार भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में वरिष्ठ मत्स्य विकास अधिकारी हैं। वे भारत में मत्स्य पालन के विकास, विशेष रूप से जलीय पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन, मछली प्रजनन तकनीकों और टिकाऊ जलीय कृषि प्रथाओं के क्षेत्र में अपने व्यापक कार्य के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने मत्स्य समुदाय की उत्पादकता और लाभप्रदता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रमुख नीतियों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डॉ. कुमार ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पी.एम.एम.एस.वाय.) के तहत योजनाओं के निर्माण में अहम योगदान दिया है और देशभर में मत्स्य पालन अवसंरचना के विकास में अपना योगदान दिया है।
स्रोत: मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार
*उपरोक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।
मत्स्य विकास अधिकारी
NCS Code: NA | AAS009• आपको बाहर काम करना पसंद हो।
• आप समस्याओं का विश्लेषण और समाधान करना पसंद करते हों।
• आप विज्ञान में रुचि रखते हों।
• आप टीम में काम करना पसंद करते हों।
1. विज्ञान वर्ग (भौतिक, रसायन और जीव विज्ञान) में 10+2 उत्तीर्ण करें।
2. औद्योगिक मत्स्य / जंतु विज्ञान / मत्स्य पालन में बी.एस. सी. करें।
अथवा
स्नातक (बी.एफएससी.) करें, इसके बाद स्नातकोत्तर (एम.एफएससी.) में एक्वाकल्चर / फिश प्रोसेसिंग / फिशरीज एक्सटेंशन / फिशरीज हाइड्रोग्राफी में से कोई एक विशेषज्ञता चुनें।
अथवा
एक्वाकल्चर प्रबंधन में डिप्लोमा पूरा करें।
प्रवेश के लिए, आपको प्रत्येक राज्य द्वारा आयोजित बी.एफएससी. प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
कृपया नामांकन के दौरान पाठ्यक्रम अवधि की जांच करें।
यह पाठ्यक्रम मत्स्य विज्ञान विभाग द्वारा संचालित किया जाता है।
संस्थानों की यह सूची केवल सांकेतिक है।
सरकारी संस्थान
1. सरकारी होलकर विज्ञान महाविद्यालय, इंदौर, मध्य प्रदेश
2. राजामुंद्री सरकारी महाविद्यालय, आंध्र प्रदेश
3. मत्स्य महाविद्यालय एवं अनुसंधान संस्थान, तूथुकुड़ी, तमिलनाडु
4. डॉ. एमजीआर मत्स्य महाविद्यालय एवं अनुसंधान संस्थान, पोननेरी, तमिलनाडु
5. रामदयालु सिंह महाविद्यालय, मुजफ्फरपुर, बिहार
6. सरकारी डिग्री महाविद्यालय लड़के, बारामुला, जम्मू और कश्मीर
7. मत्स्य महाविद्यालय, अगरतला, त्रिपुरा
8. मत्स्य महाविद्यालय, ढोली, बिहार
9. मत्स्य महाविद्यालय, उदयपुर, राजस्थान
निजी संस्थान
(कृपया आवेदन करने से पहले जांच लें कि क्या संस्थान यू.जी.सी. और आई.सी.ए.आर. से संबद्ध और मान्यता प्राप्त है)
1. सेक्रेड हार्ट कॉलेज, कोच्चि, केरल
2. सेंट्रियन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, भुवनेश्वर, ओडिशा
3. सेंट अल्बर्ट्स कॉलेज, एर्नाकुलम, केरल
4. द मुस्लिम एजुकेशनल सोसाइटी असमाबी कॉलेज, त्रिशूर, केरल
5. करीम सिटी कॉलेज, जमशेदपुर (डिप्लोमा), झारखंड
6. दून पीजी कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी, देहरादून, उत्तराखंड
7. फोनिक्स ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, रुड़की, उत्तराखंड
8. जवाहर भारती डिग्री एंड पीजी कॉलेज, कवाली, आंध्र प्रदेश
संस्थान रैंकिंग की जानकारी यहां उपलब्ध है -
https://www.nirfindia.org/Rankings/2023/Ranking.html
दूरस्थ शिक्षा संस्थान:
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू)
अनुमानित पाठ्यक्रम शुल्क रुपए 5,640 - 4,00,000* के बीच है।
*उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
छात्रवृत्ति
• सभी नवीनतम जानकारियों के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। इस पोर्टल के अंतर्गत केंद्र के विभिन्न विभागों, यू.जी.सी./ए.आई.सी.टी.ई. योजनाओं और राज्य शासन की योजनाएं प्रस्तुत की जाती हैं।*
• योग्यता के आधार पर संस्थानों द्वारा भी छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।*
*(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
ऋण
विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in , शिक्षा ऋण लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्च शिक्षा विभाग (शिक्षा मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है , पोर्टल पर कभी भी विद्यार्थी बैंकों में शिक्षा ऋण आवेदनों को देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और शिक्षा ऋण की तथागत स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
कुछ राज्यों में कम ब्याज दर पर विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
सभी बैंक शिक्षा ऋण प्रदान करते हैं।
कार्य स्थल: सेंट्रल लैब, फिश प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज, एक्वाकल्चर फार्म, एक्वाकल्चर हैचरी और अन्य।
कार्य वातावरण: काम का समय आम तौर पर सप्ताह में 5-6 दिन प्रति दिन 7-8 घंटे के लिए होता है। शिफ्ट सिस्टम उपलब्ध है।
इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
फील्डमैन → फिश ओवरसियर → मत्स्य अधिकारी → मत्स्य विकास अधिकारी
मत्स्य विकास अधिकारी की आय रुपए 30,000 - 42,000* प्रति माह हो सकती है।
स्रोत: https://www.salaryexpert.com/salary/job/conservation-and-fishery-officer/india
*उल्लेखित आय सांकेतिक एवं परिवर्तनीय है।
फील्ड के कुछ अनुभव
डॉ. प्रदीप कुमार भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में वरिष्ठ मत्स्य विकास अधिकारी हैं। वे भारत में मत्स्य पालन के विकास, विशेष रूप से जलीय पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन, मछली प्रजनन तकनीकों और टिकाऊ जलीय कृषि प्रथाओं के क्षेत्र में अपने व्यापक कार्य के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने मत्स्य समुदाय की उत्पादकता और लाभप्रदता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रमुख नीतियों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डॉ. कुमार ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पी.एम.एम.एस.वाय.) के तहत योजनाओं के निर्माण में अहम योगदान दिया है और देशभर में मत्स्य पालन अवसंरचना के विकास में अपना योगदान दिया है।
स्रोत: मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार
*उपरोक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।