भूगोलवेत्ता पृथ्वी, उसकी भूमि, विशेषताओं, निवासियों और उनके आस-पास के वातावरण के साथ उनके संबंधों का अध्ययन करता है। प्राकृतिक घटनाओं के व्यापक ज्ञान के साथ, वे पैटर्न की पहचान करते हैं और इस बारे में पूर्वानुमान लगाते हैं कि विभिन्न प्राकृतिक घटनाएँ और मानव व्यवहार पारिस्थितिकी तंत्र को कैसे प्रभावित कर सकते हैं, जिसमें पृथ्वी का वातावरण, जल निकाय और जानवरों व पौधों के आवास शामिल होते हैं। भूगोलवेत्ताओं के दो मुख्य प्रकार होते हैं: मानव भूगोलवेत्ता और भौतिक भूगोलवेत्ता। अपने काम में, भूगोलवेत्ता कई तकनीकों जैसे कि जीआईएस, रिमोट सेंसिंग और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जी.पी.एस.) का उपयोग करते हैं।
व्यक्तिगत क्षमताएं
• आपको भूगोल में रुचि हो।
• आपको डेटा का विश्लेषण और व्याख्या करना पसंद हो।
• आपको कंप्यूटर और अन्य तकनीक के साथ काम करने में सहजता महसूस होती हो।
• आप संचार कौशल में निपुण हों।
प्रवेश मार्ग
1. किसी भी वर्ग में 10 + 2 उत्तीर्ण करें, जिसमें भूगोल एक विषय हो।
2. भूगोल/पृथ्वी विज्ञान में स्नातक की डिग्री (बी.ए./बी.एससी.) पूरी करें,
उसके बाद कार्टोग्राफी/शहरी और नगर नियोजन/क्षेत्रीय नियोजन/ भौतिकी/जलवायु विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री पूरी करें। अथवा
भूगोल/पृथ्वी विज्ञान में स्नातक की डिग्री (बी.ए./बी.एससी.) पूरी करें, उसके बाद कार्टोग्राफी/शहरी और नगर नियोजन/क्षेत्रीय नियोजन/भौतिकी/जलवायु विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री पूरी करें और संबंधित विषय में पीएचडी पूरी करें। कृपया नामांकन के दौरान पाठ्यक्रम की अवधि की जांच करें।
शैक्षिक संस्थान
कार्य स्थल: राज्य/स्थानीय सरकार, वास्तुकला और इंजीनियरिंग फर्म, स्कूल, कॉलेज, शोध संस्थान।
कार्य वातावरण: आपको फील्डवर्क करने के लिए यात्रा करनी पड़ सकती है। आप डेटा एकत्र करने और भौगोलिक विशेषताओं, जैसे परिदृश्य और पर्यावरण का निरीक्षण करने के लिए विदेशी देशों या दूरदराज के स्थानों की यात्रा कर सकते हैं।
इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
फीस
अनुमानित पाठ्यक्रम शुल्क रुपए 3,000 - 1,50,000* के बीच हो सकता है।
*उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
छात्रवृत्ति/ऋण
छात्रवृत्ति
• सभी नवीनतम जानकारियों के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। इस पोर्टल के अंतर्गत केंद्र के विभिन्न विभागों, यू.जी.सी./ए.आई.सी.टी.ई. योजनाओं और राज्य शासन की योजनाएं प्रस्तुत की जाती हैं।*
• यूजीसी छात्रवृत्ति- भारत में यूजीसी-मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों में नामांकित विभिन्न विषयों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए https://ugcnet.nta.ac.in/ पर जाएँ।
• आईसीएसएसआर फेलोशिप- सामाजिक विज्ञान में अनुसंधान, डॉक्टरेट, पोस्टडॉक्टरल और अनुसंधान परियोजनाओं की वित्तीय सहायता के लिए यहां https://icssr.org/ पर जाएँ।
• योग्यता के आधार पर संस्थानों द्वारा भी छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।*
*(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
ऋण
• विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in, शिक्षा ऋण लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्च शिक्षा विभाग (शिक्षा मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है , पोर्टल पर कभी भी विद्यार्थी बैंकों में शिक्षा ऋण आवेदनों को देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और शिक्षा ऋण की तथागत स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
• कुछ राज्यों में कम ब्याज दर पर विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
• सभी बैंक शिक्षा ऋण प्रदान करते हैं।
आप कहाँ पर कार्य करेंगे
कार्य स्थल: राज्य/स्थानीय सरकार, वास्तुकला और इंजीनियरिंग फर्म, स्कूल, कॉलेज, शोध संस्थान।
कार्य वातावरण: आपको फील्डवर्क करने के लिए यात्रा करनी पड़ सकती है। आप डेटा एकत्र करने और भौगोलिक विशेषताओं, जैसे परिदृश्य और पर्यावरण का निरीक्षण करने के लिए विदेशी देशों या दूरदराज के स्थानों की यात्रा कर सकते हैं।
इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
किस प्रकार तरक्की कर सकते हैं
सर्वेक्षण और मानचित्रण तकनीशियन → व्यावसायिक भूमि सर्वेक्षक → जी.आई.एस. पर्यवेक्षक → सर्वेक्षण प्रबंधक → उपाध्यक्ष
अथवा
कार्टोग्राफिक तकनीशियन → जी.आई.एस. विशेषज्ञ → जी.आई.एस. पर्यवेक्षक → सर्वेक्षण प्रबंधक → उपाध्यक्ष
अपेक्षाकृत वेतन
भूगोलवेत्ता की आय रुपए 10,000 - 60,000* प्रति माह या उससे अधिक हो सकती है।
अनु कपूर दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में भूगोल की प्रोफेसर हैं। वह शिमला, भारत में भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान में फेलो हैं और नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय, नई दिल्ली में वरिष्ठ फेलो के रूप में कार्यरत हैं। उन्हें वर्ष 2012 में प्रतिष्ठित सामाजिक वैज्ञानिकों के लिए भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा अमर्त्य सेन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनकी रुचि के मुख्य क्षेत्र भारत में भूगोल और भारत का भूगोल हैं। उन्होंने अपने स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों में भूगोल का अध्ययन किया और फिर इसी क्षेत्र में अपनी पीएच.डी पूरी की।*
भूगोलवेत्ता
NCS Code: 2114.0100 | RD018• आपको भूगोल में रुचि हो।
• आपको डेटा का विश्लेषण और व्याख्या करना पसंद हो।
• आपको कंप्यूटर और अन्य तकनीक के साथ काम करने में सहजता महसूस होती हो।
• आप संचार कौशल में निपुण हों।
1. किसी भी वर्ग में 10 + 2 उत्तीर्ण करें, जिसमें भूगोल एक विषय हो।
2. भूगोल/पृथ्वी विज्ञान में स्नातक की डिग्री (बी.ए./बी.एससी.) पूरी करें,
उसके बाद कार्टोग्राफी/शहरी और नगर नियोजन/क्षेत्रीय नियोजन/ भौतिकी/जलवायु विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री पूरी करें।
अथवा
भूगोल/पृथ्वी विज्ञान में स्नातक की डिग्री (बी.ए./बी.एससी.) पूरी करें, उसके बाद कार्टोग्राफी/शहरी और नगर नियोजन/क्षेत्रीय नियोजन/भौतिकी/जलवायु विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री पूरी करें और संबंधित विषय में पीएचडी पूरी करें।
कृपया नामांकन के दौरान पाठ्यक्रम की अवधि की जांच करें।
कार्य स्थल: राज्य/स्थानीय सरकार, वास्तुकला और इंजीनियरिंग फर्म, स्कूल, कॉलेज, शोध संस्थान।
कार्य वातावरण: आपको फील्डवर्क करने के लिए यात्रा करनी पड़ सकती है। आप डेटा एकत्र करने और भौगोलिक विशेषताओं, जैसे परिदृश्य और पर्यावरण का निरीक्षण करने के लिए विदेशी देशों या दूरदराज के स्थानों की यात्रा कर सकते हैं।
इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
अनुमानित पाठ्यक्रम शुल्क रुपए 3,000 - 1,50,000* के बीच हो सकता है।
*उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
छात्रवृत्ति
• सभी नवीनतम जानकारियों के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। इस पोर्टल के अंतर्गत केंद्र के विभिन्न विभागों, यू.जी.सी./ए.आई.सी.टी.ई. योजनाओं और राज्य शासन की योजनाएं प्रस्तुत की जाती हैं।*
• यूजीसी छात्रवृत्ति- भारत में यूजीसी-मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों में नामांकित विभिन्न विषयों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए https://ugcnet.nta.ac.in/ पर जाएँ।
• आईसीएसएसआर फेलोशिप- सामाजिक विज्ञान में अनुसंधान, डॉक्टरेट, पोस्टडॉक्टरल और अनुसंधान परियोजनाओं की वित्तीय सहायता के लिए यहां https://icssr.org/ पर जाएँ।
• योग्यता के आधार पर संस्थानों द्वारा भी छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।*
*(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
ऋण
• विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in, शिक्षा ऋण लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्च शिक्षा विभाग (शिक्षा मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है , पोर्टल पर कभी भी विद्यार्थी बैंकों में शिक्षा ऋण आवेदनों को देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और शिक्षा ऋण की तथागत स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
• कुछ राज्यों में कम ब्याज दर पर विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
• सभी बैंक शिक्षा ऋण प्रदान करते हैं।
कार्य स्थल: राज्य/स्थानीय सरकार, वास्तुकला और इंजीनियरिंग फर्म, स्कूल, कॉलेज, शोध संस्थान।
कार्य वातावरण: आपको फील्डवर्क करने के लिए यात्रा करनी पड़ सकती है। आप डेटा एकत्र करने और भौगोलिक विशेषताओं, जैसे परिदृश्य और पर्यावरण का निरीक्षण करने के लिए विदेशी देशों या दूरदराज के स्थानों की यात्रा कर सकते हैं।
इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
सर्वेक्षण और मानचित्रण तकनीशियन → व्यावसायिक भूमि सर्वेक्षक → जी.आई.एस. पर्यवेक्षक → सर्वेक्षण प्रबंधक → उपाध्यक्ष
अथवा
कार्टोग्राफिक तकनीशियन → जी.आई.एस. विशेषज्ञ → जी.आई.एस. पर्यवेक्षक → सर्वेक्षण प्रबंधक → उपाध्यक्ष
भूगोलवेत्ता की आय रुपए 10,000 - 60,000* प्रति माह या उससे अधिक हो सकती है।
स्रोत: https://www.glassdoor.co.in /Salaries/geographer-salary-SRCH_KO0,10.htm
*उल्लेखित आय सांकेतिक एवं परिवर्तनीय है।
फील्ड के कुछ अनुभव
अनु कपूर दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में भूगोल की प्रोफेसर हैं। वह शिमला, भारत में भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान में फेलो हैं और नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय, नई दिल्ली में वरिष्ठ फेलो के रूप में कार्यरत हैं। उन्हें वर्ष 2012 में प्रतिष्ठित सामाजिक वैज्ञानिकों के लिए भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा अमर्त्य सेन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनकी रुचि के मुख्य क्षेत्र भारत में भूगोल और भारत का भूगोल हैं। उन्होंने अपने स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों में भूगोल का अध्ययन किया और फिर इसी क्षेत्र में अपनी पीएच.डी पूरी की।*
स्रोत - https://sites.google.com/geography.du.ac.in/web/people/faculty-members/prof-anu-kapur
*उपरोक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।