पुरातत्त्ववेत्ता मानव इतिहास का अध्ययन करता है, खासकर ऐतिहासिक और प्रागैतिहासिक सभ्यताओं की संस्कृति को समझने के लिए। वह प्राचीन कला, वास्तुकला के अवशेषों, स्मारकों और अन्य पुरातात्विक सामग्रियों की खोज और विश्लेषण करता है। फील्डवर्क और स्थलों की खुदाई के माध्यम से, पुरातत्वविद् सामाजिक आदतों, धार्मिक मान्यताओं, जीवनशैली और रीति-रिवाजों जैसे विषयों पर जानकारी प्राप्त करता है।
व्यक्तिगत क्षमताएं
• आप विवरणों पर ध्यान देते हों।
• आप ऐतिहासिक स्मारकों में रुचि और जिज्ञासा दिखाते हों।
• आप बाहर काम करना पसंद करते हों।
• आपके पास शोध कौशल हो।
प्रवेश मार्ग
1. किसी भी विषय में 10 + 2 पूरा करें, अधिमानतः मानविकी।
2. इतिहास/पुरातत्व में कला में स्नातक की डिग्री (बी.ए.) पूरी करें, उसके बाद पुरातत्व में कला में स्नातकोत्तर डिग्री (एम.ए.) पूरी करें, और फिर संबंधित विषय में पी.एच.डी. पूरी करें। अथवा
इतिहास/पुरातत्व में कला में स्नातक की डिग्री (बी.ए.) पूरी करें, उसके बाद पुरातत्व में स्नातकोत्तर डिप्लोमा करें।
कृपया नामांकन के समय पाठ्यक्रम की अवधि की जांच कर लें।
शैक्षिक संस्थान
यह पाठ्यक्रम इतिहास/पुरातत्व विभाग द्वारा संचालित किया जाता है। *उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
सरकारी संस्थान
1. महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा, वडोदरा, गुजरात
2. श्यामा प्रसाद मुखर्जी गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
3. डीवीए डिग्री कॉलेज, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
4. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक, मध्य प्रदेश
5. मद्रास विश्वविद्यालय, चेन्नई, तमिलनाडु
6. कलकत्ता विश्वविद्यालय, कोलकाता, पश्चिम बंगाल
7. लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
8. मैसूर विश्वविद्यालय, मैसूर, कर्नाटक
निजी संस्थान
(कृपया आवेदन करने से पहले जांच लें कि संस्थान यू.जी.सी. से संबद्ध और मान्यता प्राप्त है या नहीं)
1. बी.के. कॉलेज ऑफ आर्ट्स साइंस एंड कॉमर्स, ठाणे, महाराष्ट्र
2. पुरातत्व संस्थान, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ए.एस.आई.), नई दिल्ली
3. दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ हेरिटेज रिसर्च एंड मैनेजमेंट, नई दिल्ली
4. डेक्कन कॉलेज पोस्टग्रेजुएट एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, पुणे, महाराष्ट्र
5. जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ
6. विश्वविद्यालय, उदयपुर, राजस्थान
दूरस्थ शिक्षा संस्थान
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू)
फीस
अनुमानित पाठ्यक्रम शुल्क रुपए 2,000 - 1,50,000* के बीच हो सकता है।
*उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
छात्रवृत्ति/ऋण
छात्रवृत्ति
• सभी नवीनतम जानकारियों के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। इस पोर्टल के अंतर्गत केंद्र के विभिन्न विभागों, यू.जी.सी./ए.आई.सी.टी.ई. योजनाओं और राज्य शासन की योजनाएं प्रस्तुत की जाती हैं।*
• यूजीसी छात्रवृत्ति- भारत में यूजीसी-मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों में नामांकित विभिन्न विषयों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए https://ugcnet.nta.ac.in/ पर जाएँ।
• आईसीएसएसआर फेलोशिप- सामाजिक विज्ञान में अनुसंधान, डॉक्टरेट, पोस्टडॉक्टरल और अनुसंधान परियोजनाओं की वित्तीय सहायता के लिए यहां https://icssr.org/ पर जाएँ।
• योग्यता के आधार पर संस्थानों द्वारा भी छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।*
*(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
ऋण
• विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in , शिक्षा ऋण लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्च शिक्षा विभाग (शिक्षा मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है , पोर्टल पर कभी भी विद्यार्थी बैंकों में शिक्षा ऋण आवेदनों को देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और शिक्षा ऋण की तथागत स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
• कुछ राज्यों में कम ब्याज दर पर विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
• सभी बैंक शिक्षा ऋण प्रदान करते हैं।
आप कहाँ पर कार्य करेंगे
कार्य स्थल: निजी और सरकारी कॉलेज/विश्वविद्यालय, संग्रहालय, सांस्कृतिक केंद्र, सूचना और प्रसारण मंत्रालय।
कार्य वातावरण: आपसे अपेक्षा की जाती है कि आप फील्ड वर्क के दौरान बाहर काम करें या रिपोर्ट या शोध पत्र लिखते समय कार्यालय के माहौल में काम करें। आप पूर्णकालिक या अंशकालिक, व्यक्तिगत फील्ड वर्क प्रोजेक्ट पर या स्वतंत्र क्षमता में काम कर सकते हैं।
इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
किस प्रकार तरक्की कर सकते हैं
प्रशिक्षु → पुरातत्त्ववेत्ता → शिक्षक, स्वरोजगार
अपेक्षाकृत वेतन
पुरातत्त्ववेत्ता की रुपए 15,000 - 5,00,000* प्रति माह या उससे अधिक हो सकती है।
नयनजोत लाहिरी प्राचीन भारत की एक प्रतिष्ठित इतिहासकार और पुरातत्वविद हैं, जो अशोका विश्वविद्यालय में इतिहास की प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज और दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग से शिक्षा प्राप्त की। अपने करियर के दौरान, उन्होंने हिंदू कॉलेज में अध्यापन किया और वर्ष 2015 तक दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में कार्यरत रहीं। इसके साथ ही, वर्ष 2007 से वर्ष 2010 के बीच उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में कॉलेजों की डीन और वर्ष 2006 से वर्ष 2007 तक अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की डीन के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं। पुरातत्व के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें वर्ष2013 में मानविकी में इंफोसिस पुरस्कार से सम्मानित किया गया, और उनकी पुस्तक "अशोका इन एनशिएंट इंडिया" के लिए उन्हें वर्ष 2016 में जॉन एफ रिचर्ड्स पुरस्कार प्राप्त हुआ।.*
पुरातत्त्ववेत्ता
NCS Code: 2632.1100 | RD002• आप विवरणों पर ध्यान देते हों।
• आप ऐतिहासिक स्मारकों में रुचि और जिज्ञासा दिखाते हों।
• आप बाहर काम करना पसंद करते हों।
• आपके पास शोध कौशल हो।
1. किसी भी विषय में 10 + 2 पूरा करें, अधिमानतः मानविकी।
2. इतिहास/पुरातत्व में कला में स्नातक की डिग्री (बी.ए.) पूरी करें, उसके बाद पुरातत्व में कला में स्नातकोत्तर डिग्री (एम.ए.) पूरी करें, और फिर संबंधित विषय में पी.एच.डी. पूरी करें।
अथवा
इतिहास/पुरातत्व में कला में स्नातक की डिग्री (बी.ए.) पूरी करें, उसके बाद पुरातत्व में स्नातकोत्तर डिप्लोमा करें।
कृपया नामांकन के समय पाठ्यक्रम की अवधि की जांच कर लें।
यह पाठ्यक्रम इतिहास/पुरातत्व विभाग द्वारा संचालित किया जाता है।
*उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
सरकारी संस्थान
1. महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा, वडोदरा, गुजरात
2. श्यामा प्रसाद मुखर्जी गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
3. डीवीए डिग्री कॉलेज, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
4. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक, मध्य प्रदेश
5. मद्रास विश्वविद्यालय, चेन्नई, तमिलनाडु
6. कलकत्ता विश्वविद्यालय, कोलकाता, पश्चिम बंगाल
7. लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
8. मैसूर विश्वविद्यालय, मैसूर, कर्नाटक
निजी संस्थान
(कृपया आवेदन करने से पहले जांच लें कि संस्थान यू.जी.सी. से संबद्ध और मान्यता प्राप्त है या नहीं)
1. बी.के. कॉलेज ऑफ आर्ट्स साइंस एंड कॉमर्स, ठाणे, महाराष्ट्र
2. पुरातत्व संस्थान, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ए.एस.आई.), नई दिल्ली
3. दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ हेरिटेज रिसर्च एंड मैनेजमेंट, नई दिल्ली
4. डेक्कन कॉलेज पोस्टग्रेजुएट एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, पुणे, महाराष्ट्र
5. जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ
6. विश्वविद्यालय, उदयपुर, राजस्थान
संस्थान रैंकिंग की जानकारी यहां उपलब्ध है - https://www.nirfindia.org/Rankings/2023/Ranking.html
दूरस्थ शिक्षा संस्थान
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू)
अनुमानित पाठ्यक्रम शुल्क रुपए 2,000 - 1,50,000* के बीच हो सकता है।
*उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
छात्रवृत्ति
• सभी नवीनतम जानकारियों के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। इस पोर्टल के अंतर्गत केंद्र के विभिन्न विभागों, यू.जी.सी./ए.आई.सी.टी.ई. योजनाओं और राज्य शासन की योजनाएं प्रस्तुत की जाती हैं।*
• यूजीसी छात्रवृत्ति- भारत में यूजीसी-मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों में नामांकित विभिन्न विषयों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए https://ugcnet.nta.ac.in/ पर जाएँ।
• आईसीएसएसआर फेलोशिप- सामाजिक विज्ञान में अनुसंधान, डॉक्टरेट, पोस्टडॉक्टरल और अनुसंधान परियोजनाओं की वित्तीय सहायता के लिए यहां https://icssr.org/ पर जाएँ।
• योग्यता के आधार पर संस्थानों द्वारा भी छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।*
*(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
ऋण
• विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in , शिक्षा ऋण लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्च शिक्षा विभाग (शिक्षा मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है , पोर्टल पर कभी भी विद्यार्थी बैंकों में शिक्षा ऋण आवेदनों को देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और शिक्षा ऋण की तथागत स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
• कुछ राज्यों में कम ब्याज दर पर विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
• सभी बैंक शिक्षा ऋण प्रदान करते हैं।
कार्य स्थल: निजी और सरकारी कॉलेज/विश्वविद्यालय, संग्रहालय, सांस्कृतिक केंद्र, सूचना और प्रसारण मंत्रालय।
कार्य वातावरण: आपसे अपेक्षा की जाती है कि आप फील्ड वर्क के दौरान बाहर काम करें या रिपोर्ट या शोध पत्र लिखते समय कार्यालय के माहौल में काम करें। आप पूर्णकालिक या अंशकालिक, व्यक्तिगत फील्ड वर्क प्रोजेक्ट पर या स्वतंत्र क्षमता में काम कर सकते हैं।
इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
प्रशिक्षु → पुरातत्त्ववेत्ता → शिक्षक, स्वरोजगार
पुरातत्त्ववेत्ता की रुपए 15,000 - 5,00,000* प्रति माह या उससे अधिक हो सकती है।
स्रोत: https://www.glassdoor.co.in/Salaries/archaeologist-salary-SRCH_KO0,13.htm
*उल्लेखित आय सांकेतिक एवं परिवर्तनीय है।
फील्ड के कुछ अनुभव
नयनजोत लाहिरी प्राचीन भारत की एक प्रतिष्ठित इतिहासकार और पुरातत्वविद हैं, जो अशोका विश्वविद्यालय में इतिहास की प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज और दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग से शिक्षा प्राप्त की। अपने करियर के दौरान, उन्होंने हिंदू कॉलेज में अध्यापन किया और वर्ष 2015 तक दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में कार्यरत रहीं। इसके साथ ही, वर्ष 2007 से वर्ष 2010 के बीच उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में कॉलेजों की डीन और वर्ष 2006 से वर्ष 2007 तक अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की डीन के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं। पुरातत्व के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें वर्ष2013 में मानविकी में इंफोसिस पुरस्कार से सम्मानित किया गया, और उनकी पुस्तक "अशोका इन एनशिएंट इंडिया" के लिए उन्हें वर्ष 2016 में जॉन एफ रिचर्ड्स पुरस्कार प्राप्त हुआ।.*
स्रोत- https://www.ashoka.edu.in/profile/nayanjot-lahiri/
उपरोक्त जानकारी सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और किसी भी वाणिज्यिक लाभ के लिए उपयोग नहीं की जाएगी।