समुद्री झींगा या झींगे की खेती मानव उपभोग के लिए एक जलीय कृषि व्यवसाय है। एक झींगा किसान खेती के लिए झींगा प्रजातियों का चयन करने, झींगा कृषि स्थापित करने, झींगा के बीजों की खरीद, भंडारण और रखरखाव और साथ ही उनकी कटाई और मार्केटिंग जैसी विभिन्न गतिविधियां करता है।
व्यक्तिगत क्षमताएं
• आपको बागवानी करना पसंद हो।
• आप विवरण पर ध्यान देते हों।
• आप धैर्यवान हों।
• आप संसाधनपूर्ण हों ।
प्रवेश मार्ग
सर्टिफिकेट
कक्षा 10 या 10+2 किसी भी स्ट्रीम में पूरा करें। शैवाल पालन, झींगा पालन, या समुद्री जैविकी के प्रमाणपत्र पाठ्यक्रमों के लिए निजी संस्थानों, व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों या कृषि कॉलेजों को खोजें। डिप्लोमा (कक्षा 10 या 12 के बाद)
एक्वाकल्चर या मत्स्य विज्ञान में डिप्लोमा, जो व्यावसायिक संस्थानों या पॉलिटेक्निक कॉलेजों द्वारा प्रदान किया जाता है। स्नातक (कक्षा 12 के बाद)
फिशरीज साइंस, एक्वाकल्चर, या मरीन बायोलॉजी में बैचलर ऑफ साइंस (बी.एससी) । ये कार्यक्रम विश्वविद्यालयों और कृषि/मत्स्य विज्ञान कॉलेजों द्वारा प्रदान किए जाते हैं। स्नातकोत्तर
एक्वाकल्चर, फिशरीज साइंस, या मरीन बायोलॉजी में मास्टर ऑफ साइंस। ये कार्यक्रम झींगा पालन तकनीकों, सतत एक्वाकल्चर प्रथाओं और झींगा रोग प्रबंधन पर उन्नत ज्ञान प्रदान करते हैं। प्रवेश के लिए संबंधित स्नातक डिग्री की आवश्यकता होती है। कृपया नामांकन के दौरान पाठ्यक्रम अवधि की जांच करें।
शैक्षिक संस्थान
यह पाठ्यक्रम मत्स्य विज्ञान अथवा जलीय कृषि विभाग द्वारा संचालित किया जाता है।
संस्थानों की यह सूची केवल सांकेतिक है। संस्थान
1. केंद्रीय खारे पानी जलीय कृषि संस्थान, चेन्नई, तमिलनाडु
2. राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान, पणजी, गोवा
3. मत्स्य महाविद्यालय एवं अनुसंधान संस्थान, तूतीकोरिन, तमिलनाडु
4. मत्स्य महाविद्यालय, कर्नाटक पशु चिकित्सा, पशुधन और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय, मंगलुरु, कर्नाटक
5. केंद्रीय मत्स्य शिक्षा संस्थान, मुंबई, महाराष्ट्र
6. आंध्र प्रदेश मत्स्य विश्वविद्यालय, मंगलागिरि, आंध्र प्रदेश
7. मत्स्य विभाग, केरल कृषि विश्वविद्यालय, त्रिशूर, केरल
फीस
अनुमानित पाठ्यक्रम शुल्क रुपए 20,000 - 2,00,000* के बीच है।
*उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
छात्रवृत्ति/ऋण
छात्रवृत्ति
• राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल: सभी नवीनतम जानकारियों के लिए http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। इस पोर्टल के अंतर्गत, विभिन्न विभागों द्वारा प्रदान की गई केंद्र सरकार की योजनाएं उपलब्ध हैं, जिनमें डेयरी फार्मिंग और उद्यमिता जैसे कृषि और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए छात्रवृत्तियां शामिल हैं।
• प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना: सभी नवीनतम जानकारियों के लिए http://www.pmkvyofficial.org पर जाएं। इस पोर्टल पर, केंद्र सरकार द्वारा कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए योजनाएं उपलब्ध हैं, जिनमें डेयरी फार्मिंग और उद्यमिता शामिल हैं।
• राष्ट्रीय मत्स्य पालन विकास बोर्ड योजनाएं: सभी नवीनतम जानकारियों के लिए http://www.nfdb.gov.in पर जाएं। यह पोर्टल झींगा किसानों और एक्वाकल्चर में रुचि रखने वाले व्यक्तियों के लिए विभिन्न योजनाएँ, वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करता है।
• राज्य सरकार की योजनाएँ आक्वाकल्चर और मत्स्य पालन के लिए: संबंधित राज्य सरकार के पोर्टल पर जाएं – कई राज्य सरकारें झींगा किसानों के लिए प्रशिक्षण और कौशल विकास में सहायता के लिए छात्रवृत्तियाँ, सब्सिडी और वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं।
*(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
ऋण
• विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in , शिक्षा ऋण लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्च शिक्षा विभाग (शिक्षा मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है , पोर्टल पर कभी भी विद्यार्थी बैंकों में शिक्षा ऋण आवेदनों को देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और शिक्षा ऋण की तथागत स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
• कुछ राज्यों में कम ब्याज दर पर विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
• सभी बैंक शिक्षा ऋण प्रदान करते हैं।
आप कहाँ पर कार्य करेंगे
कार्य स्थल: झींगा फार्म, कृषि सहकारी संगठन, समुद्री खाद्य विक्रय करने वाली कंपनियां आदि।
उद्यमिता: आप अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
कार्य वातावरण: यह एक फील्ड जॉब है। स्थानीय यात्रा इस नौकरी की भूमिका का एक हिस्सा है। कुछ खेतों में अंशकालिक नौकरियां उपलब्ध हो सकती हैं। आपके काम के घंटे कम या ज्यादा रहने की संभावना है।
इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
किस प्रकार तरक्की कर सकते हैं
झींगा किसान → झींगा कृषि पर्यवेक्षक → झींगा कृषि प्रबंधक → खेत मालिक
राज पाल एक झींगा किसान हैं, जो हरियाणा के झज्जर जिले में रहते हैं। पाल ने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। वर्ष 2017 में उन्होंने अपनी जमीन बिरोहर में झींगा पालन शुरू किया और 7.7 टन झींगा का उत्पादन किया। सरकार से सहायता लेने के बाद उन्होंने नवंबर 2020 में 8.8 टन का उत्पादन किया।*
झींगा किसान
NCS Code: 6221.0101 | AAS018• आपको बागवानी करना पसंद हो।
• आप विवरण पर ध्यान देते हों।
• आप धैर्यवान हों।
• आप संसाधनपूर्ण हों ।
सर्टिफिकेट
कक्षा 10 या 10+2 किसी भी स्ट्रीम में पूरा करें। शैवाल पालन, झींगा पालन, या समुद्री जैविकी के प्रमाणपत्र पाठ्यक्रमों के लिए निजी संस्थानों, व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों या कृषि कॉलेजों को खोजें।
डिप्लोमा (कक्षा 10 या 12 के बाद)
एक्वाकल्चर या मत्स्य विज्ञान में डिप्लोमा, जो व्यावसायिक संस्थानों या पॉलिटेक्निक कॉलेजों द्वारा प्रदान किया जाता है।
स्नातक (कक्षा 12 के बाद)
फिशरीज साइंस, एक्वाकल्चर, या मरीन बायोलॉजी में बैचलर ऑफ साइंस (बी.एससी) । ये कार्यक्रम विश्वविद्यालयों और कृषि/मत्स्य विज्ञान कॉलेजों द्वारा प्रदान किए जाते हैं।
स्नातकोत्तर
एक्वाकल्चर, फिशरीज साइंस, या मरीन बायोलॉजी में मास्टर ऑफ साइंस। ये कार्यक्रम झींगा पालन तकनीकों, सतत एक्वाकल्चर प्रथाओं और झींगा रोग प्रबंधन पर उन्नत ज्ञान प्रदान करते हैं। प्रवेश के लिए संबंधित स्नातक डिग्री की आवश्यकता होती है।
कृपया नामांकन के दौरान पाठ्यक्रम अवधि की जांच करें।
यह पाठ्यक्रम मत्स्य विज्ञान अथवा जलीय कृषि विभाग द्वारा संचालित किया जाता है।
संस्थानों की यह सूची केवल सांकेतिक है।
संस्थान
1. केंद्रीय खारे पानी जलीय कृषि संस्थान, चेन्नई, तमिलनाडु
2. राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान, पणजी, गोवा
3. मत्स्य महाविद्यालय एवं अनुसंधान संस्थान, तूतीकोरिन, तमिलनाडु
4. मत्स्य महाविद्यालय, कर्नाटक पशु चिकित्सा, पशुधन और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय, मंगलुरु, कर्नाटक
5. केंद्रीय मत्स्य शिक्षा संस्थान, मुंबई, महाराष्ट्र
6. आंध्र प्रदेश मत्स्य विश्वविद्यालय, मंगलागिरि, आंध्र प्रदेश
7. मत्स्य विभाग, केरल कृषि विश्वविद्यालय, त्रिशूर, केरल
अनुमानित पाठ्यक्रम शुल्क रुपए 20,000 - 2,00,000* के बीच है।
*उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
छात्रवृत्ति
• राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल: सभी नवीनतम जानकारियों के लिए http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। इस पोर्टल के अंतर्गत, विभिन्न विभागों द्वारा प्रदान की गई केंद्र सरकार की योजनाएं उपलब्ध हैं, जिनमें डेयरी फार्मिंग और उद्यमिता जैसे कृषि और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए छात्रवृत्तियां शामिल हैं।
• प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना: सभी नवीनतम जानकारियों के लिए http://www.pmkvyofficial.org पर जाएं। इस पोर्टल पर, केंद्र सरकार द्वारा कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए योजनाएं उपलब्ध हैं, जिनमें डेयरी फार्मिंग और उद्यमिता शामिल हैं।
• राष्ट्रीय मत्स्य पालन विकास बोर्ड योजनाएं: सभी नवीनतम जानकारियों के लिए http://www.nfdb.gov.in पर जाएं। यह पोर्टल झींगा किसानों और एक्वाकल्चर में रुचि रखने वाले व्यक्तियों के लिए विभिन्न योजनाएँ, वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करता है।
• राज्य सरकार की योजनाएँ आक्वाकल्चर और मत्स्य पालन के लिए: संबंधित राज्य सरकार के पोर्टल पर जाएं – कई राज्य सरकारें झींगा किसानों के लिए प्रशिक्षण और कौशल विकास में सहायता के लिए छात्रवृत्तियाँ, सब्सिडी और वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं।
*(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
ऋण
• विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in , शिक्षा ऋण लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्च शिक्षा विभाग (शिक्षा मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है , पोर्टल पर कभी भी विद्यार्थी बैंकों में शिक्षा ऋण आवेदनों को देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और शिक्षा ऋण की तथागत स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
• कुछ राज्यों में कम ब्याज दर पर विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
• सभी बैंक शिक्षा ऋण प्रदान करते हैं।
कार्य स्थल: झींगा फार्म, कृषि सहकारी संगठन, समुद्री खाद्य विक्रय करने वाली कंपनियां आदि।
उद्यमिता: आप अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
कार्य वातावरण: यह एक फील्ड जॉब है। स्थानीय यात्रा इस नौकरी की भूमिका का एक हिस्सा है। कुछ खेतों में अंशकालिक नौकरियां उपलब्ध हो सकती हैं। आपके काम के घंटे कम या ज्यादा रहने की संभावना है।
इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
झींगा किसान → झींगा कृषि पर्यवेक्षक → झींगा कृषि प्रबंधक → खेत मालिक
झींगा किसान की आय रुपए 12,500 - 50,000* प्रति माह के बीच हो सकती है।
स्रोत: https://indianexpress.com/article/cities/chandigarh/why-area-under-shrimp-farming-is-decreasing-in-punjab-9580230/
*उल्लेखित आय सांकेतिक एवं परिवर्तनीय है।
फील्ड के कुछ अनुभव
राज पाल एक झींगा किसान हैं, जो हरियाणा के झज्जर जिले में रहते हैं। पाल ने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। वर्ष 2017 में उन्होंने अपनी जमीन बिरोहर में झींगा पालन शुरू किया और 7.7 टन झींगा का उत्पादन किया। सरकार से सहायता लेने के बाद उन्होंने नवंबर 2020 में 8.8 टन का उत्पादन किया।*
स्रोत: http://harfish.gov.in/sites/default/files/success%20story_2.pdf
*उपरोक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।