खनन अभियंता पृथ्वी से खनिज निकालने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अपने कौशल का प्रयोग करते हैं। एक खनन इंजीनियर के रूप में आप खदानों और अन्य सतही और भूमिगत संचालनों का सुरक्षित और कुशल विकास सुनिश्चित करेंगे। एक खनन इंजीनियर की भूमिका में तकनीकी ज्ञान और प्रबंधन कौशल के साथ अपने आसपास के वातावरण पर इन संरचनाओं के प्रभावों को समझना शामिल है।
व्यक्तिगत क्षमताएं
• आप यात्राएं और बाहर काम करना पसंद करते हों।
• आप विश्लेषणात्मक समस्याओं को हल करने में कुशल हों।
• आप अच्छे संगठनात्मक कौशल में योग्य हों।
• आप विज्ञान और गणितीय कार्यों में दक्ष हों।
प्रवेश मार्ग
1. विज्ञान वर्ग (भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित) में 10+2 उत्तीर्ण ।
2. माइनिंग इंजीनियरिंग में बी.टेक/.बी.ई. करें। अथवा
माइनिंग इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर सकते हैं। अथवा
स्नातक के बाद उसी या संबंधित क्षेत्र में स्नातकोत्तर करें ।
प्रवेश के लिए, आपको राष्ट्रीय स्तर (जे.ई.ई मेन, जे.ई.ई एडवांस इत्यादि) या राज्य स्तर (डब्ल्यू.बी.जे.ई.ई., ए.पी. ई.ए.एम.सी.ई.टी. इत्यादि) या संस्थान स्तर (वी.ई.टी., आई.पी. इत्यादि) पर आयोजित प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
कृपया नामांकन के दौरान पाठ्यक्रम अवधि की जांच करें।
शैक्षिक संस्थान
यह पाठ्यक्रम खनन इंजीनियरिंग विभाग द्वारा संचालित किया जाता है। संस्थानों की यह सूची केवल सांकेतिक है।
सरकारी संस्थान
1. आई.आई.ई.एस.टी., शिबपुर, पश्चिम बंगाल
2. आई.आई.टी., खड़गपुर, पश्चिम बंगाल
3. वी.एन.आई.टी., नागपुर, महाराष्ट्र
4. यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद, तेलंगाना
5. एन.आई.टी., सुरथकल, कर्नाटक
6. आई.आई.टी., बी.एच.यू., वाराणसी, उत्तर प्रदेश
7. एन.आई.टी., राउरकेला, ओडिशा
8. सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी, पुणे, महाराष्ट्र
निजी संस्थान
(कृपया आवेदन करने से पहले जांच लें कि संस्थान यू.जी.सी. और ए.आई.सी.टी.ई. से संबद्ध और मान्यता प्राप्त है)
1. आदर्श कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (ए.सी.ई.) अंगुल, ओडिशा
2. आचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बेंगलुरु, कर्नाटक
3. आदित्य इंजीनियरिंग कॉलेज, सुरमपल, आंध्र प्रदेश
4. आदित्य कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (ए.सी.टी.एस.), सतना, मध्य प्रदेश
5. गांधी एकेडमी ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (जी.ए.टी.ई.), नलगोंडा, रामापुरम, तेलंगाना
6. गोदावरी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (जी.आई.ई.टी.), राजामुंद्री, आंध्र प्रदेश
दूरस्थ शिक्षा संस्थान
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू)
फीस
अनुमानित पाठ्यक्रम शुल्क रुपए 2,00,000 - 8,00,000* के बीच है।
* उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
छात्रवृत्ति/ऋण
छात्रवृत्ति
• किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना छात्रवृत्तिः यह छात्रवृत्ति अभियांत्रिकी स्नातक पाठ्यक्रम के पहले वर्ष में नामांकित विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है। इसकी पात्रता में एक योग्यता परीक्षा शामिल है। यह भारत सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है, जिसके पास वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए एक उत्तम योग्यता होती है ।*
• योग्यता-सह-साधन आधारित छात्रवृत्तिः अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा प्रत्येक वर्ष लगभग 20,000 अभियांत्रिकी छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं। इस योजना के अंतर्गत उम्मीदवारों का समस्त पाठ्यक्रम शुल्क सीधे उनके संस्थानों को भुगतान किया जाता है।*
• इंडियन ऑयल एजुकेशनल स्कॉलरशिप: आई.ओ.सी. लिमिटेड पात्र विद्यार्थियों को प्रत्येक वर्ष 300 छात्रवृत्तियां प्रदान करता है, इसके लिए विद्यार्थियों को एक स्नातक पाठ्यक्रम में नामांकित होना होता है। छात्रवृत्ति विशेष रूप से शारीरिक अक्षमता वाले छात्रों, महिलाओं और उत्तर पूर्व और जम्मू-कश्मीर के विद्यार्थियों के लिए है ।*
• सभी नवीनतम जानकारियों के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। इस पोर्टल के अंतर्गत केंद्र के विभिन्न विभागों, यू.जी.सी./ए.आई.सी.टी.ई. योजनाओं और राज्य शासन की योजनाएं प्रस्तुत की जाती हैं ।*
• योग्यता के आधार पर संस्थानों द्वारा भी छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।*
*(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
ऋण
• विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in, शिक्षा ऋण लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्च शिक्षा विभाग (शिक्षा मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है, पोर्टल पर कभी भी विद्यार्थी बैंकों में शिक्षा ऋण आवेदनों को देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और शिक्षा ऋण की तथागत स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
• कुछ राज्यों में कम ब्याज दर पर विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि ।
• सभी बैंक शिक्षा ऋण प्रदान करते हैं।
आप कहाँ पर कार्य करेंगे
कार्य स्थल: भारत भर में खनन कंपनियां, खनन वित्त और परामर्श कंपनियां, पर्यावरण परामर्श, उत्खनन और निष्कर्षण कंपनियां ।
कार्य वातावरणः खनन कंपनियां आमतौर पर सप्ताह में 6 दिन और प्रतिदिन 8-10 घंटे काम करती हैं। यह कंपनी से कंपनी में भिन्न हो सकता है। यहां शिफ्ट सिस्टम भी उपलब्ध है।
* इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
चंद्राणी प्रसाद वर्मा, देश की पहली महिला खनन अभियंता के रूप में जानी जाती हैं। वह अब नागपुर में केंद्रीय खनन और ईंधन अनुसंधान संस्थान में प्रमुख वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत हैं, कुछ कठिनाई के साथ खनन में डिप्लोमा कार्यक्रम में प्रवेश मिला क्योंकि प्रबंधन एक महिला को सीट देने से संकोच कर रहा था। बाद में, खनन में बी.टेक की डिग्री के लिए, चंद्रानी को अदालत में संघर्ष करना पड़ा और उसे 'विशेष केस' के आधार पर प्रवेश मिला । खनन क्षेत्र में नौकरी पाना आसान नहीं था - और यही अपेक्षित था । अंत में, वर्ष 2001 में उन्हें सी.एस.आई, आर. में प्रोजेक्ट फेलो के रूप में नौकरी मिल गई। चंद्रानी ने पी.एच.डी. भी की है, रॉक यांत्रिकी और संख्यात्मक मॉडलिंग में ।*
खनन अभियंता
NCS Code: 2146.0100 | E032• आप यात्राएं और बाहर काम करना पसंद करते हों।
• आप विश्लेषणात्मक समस्याओं को हल करने में कुशल हों।
• आप अच्छे संगठनात्मक कौशल में योग्य हों।
• आप विज्ञान और गणितीय कार्यों में दक्ष हों।
1. विज्ञान वर्ग (भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित) में 10+2 उत्तीर्ण ।
2. माइनिंग इंजीनियरिंग में बी.टेक/.बी.ई. करें।
अथवा
माइनिंग इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर सकते हैं।
अथवा
स्नातक के बाद उसी या संबंधित क्षेत्र में स्नातकोत्तर करें ।
प्रवेश के लिए, आपको राष्ट्रीय स्तर (जे.ई.ई मेन, जे.ई.ई एडवांस इत्यादि) या राज्य स्तर (डब्ल्यू.बी.जे.ई.ई., ए.पी. ई.ए.एम.सी.ई.टी. इत्यादि) या संस्थान स्तर (वी.ई.टी., आई.पी. इत्यादि) पर आयोजित प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
कृपया नामांकन के दौरान पाठ्यक्रम अवधि की जांच करें।
यह पाठ्यक्रम खनन इंजीनियरिंग विभाग द्वारा संचालित किया जाता है।
संस्थानों की यह सूची केवल सांकेतिक है।
सरकारी संस्थान
1. आई.आई.ई.एस.टी., शिबपुर, पश्चिम बंगाल
2. आई.आई.टी., खड़गपुर, पश्चिम बंगाल
3. वी.एन.आई.टी., नागपुर, महाराष्ट्र
4. यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद, तेलंगाना
5. एन.आई.टी., सुरथकल, कर्नाटक
6. आई.आई.टी., बी.एच.यू., वाराणसी, उत्तर प्रदेश
7. एन.आई.टी., राउरकेला, ओडिशा
8. सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी, पुणे, महाराष्ट्र
निजी संस्थान
(कृपया आवेदन करने से पहले जांच लें कि संस्थान यू.जी.सी. और ए.आई.सी.टी.ई. से संबद्ध और मान्यता प्राप्त है)
1. आदर्श कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (ए.सी.ई.) अंगुल, ओडिशा
2. आचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बेंगलुरु, कर्नाटक
3. आदित्य इंजीनियरिंग कॉलेज, सुरमपल, आंध्र प्रदेश
4. आदित्य कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (ए.सी.टी.एस.), सतना, मध्य प्रदेश
5. गांधी एकेडमी ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (जी.ए.टी.ई.), नलगोंडा, रामापुरम, तेलंगाना
6. गोदावरी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (जी.आई.ई.टी.), राजामुंद्री, आंध्र प्रदेश
संस्थान रैंकिंग की जानकारी यहां उपलब्ध है - https://www.nirfindia.org/Rankings/2023/Ranking.html
दूरस्थ शिक्षा संस्थान
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू)
अनुमानित पाठ्यक्रम शुल्क रुपए 2,00,000 - 8,00,000* के बीच है।
* उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
छात्रवृत्ति
• किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना छात्रवृत्तिः यह छात्रवृत्ति अभियांत्रिकी स्नातक पाठ्यक्रम के पहले वर्ष में नामांकित विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है। इसकी पात्रता में एक योग्यता परीक्षा शामिल है। यह भारत सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है, जिसके पास वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए एक उत्तम योग्यता होती है ।*
• योग्यता-सह-साधन आधारित छात्रवृत्तिः अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा प्रत्येक वर्ष लगभग 20,000 अभियांत्रिकी छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं। इस योजना के अंतर्गत उम्मीदवारों का समस्त पाठ्यक्रम शुल्क सीधे उनके संस्थानों को भुगतान किया जाता है।*
• इंडियन ऑयल एजुकेशनल स्कॉलरशिप: आई.ओ.सी. लिमिटेड पात्र विद्यार्थियों को प्रत्येक वर्ष 300 छात्रवृत्तियां प्रदान करता है, इसके लिए विद्यार्थियों को एक स्नातक पाठ्यक्रम में नामांकित होना होता है। छात्रवृत्ति विशेष रूप से शारीरिक अक्षमता वाले छात्रों, महिलाओं और उत्तर पूर्व और जम्मू-कश्मीर के विद्यार्थियों के लिए है ।*
• सभी नवीनतम जानकारियों के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। इस पोर्टल के अंतर्गत केंद्र के विभिन्न विभागों, यू.जी.सी./ए.आई.सी.टी.ई. योजनाओं और राज्य शासन की योजनाएं प्रस्तुत की जाती हैं ।*
• योग्यता के आधार पर संस्थानों द्वारा भी छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।*
*(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
ऋण
• विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in, शिक्षा ऋण लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्च शिक्षा विभाग (शिक्षा मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है, पोर्टल पर कभी भी विद्यार्थी बैंकों में शिक्षा ऋण आवेदनों को देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और शिक्षा ऋण की तथागत स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
• कुछ राज्यों में कम ब्याज दर पर विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि ।
• सभी बैंक शिक्षा ऋण प्रदान करते हैं।
कार्य स्थल: भारत भर में खनन कंपनियां, खनन वित्त और परामर्श कंपनियां, पर्यावरण परामर्श, उत्खनन और निष्कर्षण कंपनियां ।
कार्य वातावरणः खनन कंपनियां आमतौर पर सप्ताह में 6 दिन और प्रतिदिन 8-10 घंटे काम करती हैं। यह कंपनी से कंपनी में भिन्न हो सकता है। यहां शिफ्ट सिस्टम भी उपलब्ध है।
* इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
जूनियर माइनिंग इंजीनियर → माइन प्लानिंग इंजीनियर → सीनियर माइनिंग इंजीनियर → माइन सुपरवाइजर → स्थायी प्रबंधक
खनन अभियंता की लगभग आय रुपए 20,000 - 90,000* प्रतिमाह हो सकती है।
स्रोत: https://www.payscale.com/research/IN/Job=Mining_Engineer/Salary
* उल्लेखित आय सांकेतिक एवं परिवर्तनीय है।
फील्ड के कुछ अनुभव
चंद्राणी प्रसाद वर्मा, देश की पहली महिला खनन अभियंता के रूप में जानी जाती हैं। वह अब नागपुर में केंद्रीय खनन और ईंधन अनुसंधान संस्थान में प्रमुख वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत हैं, कुछ कठिनाई के साथ खनन में डिप्लोमा कार्यक्रम में प्रवेश मिला क्योंकि प्रबंधन एक महिला को सीट देने से संकोच कर रहा था। बाद में, खनन में बी.टेक की डिग्री के लिए, चंद्रानी को अदालत में संघर्ष करना पड़ा और उसे 'विशेष केस' के आधार पर प्रवेश मिला । खनन क्षेत्र में नौकरी पाना आसान नहीं था - और यही अपेक्षित था । अंत में, वर्ष 2001 में उन्हें सी.एस.आई, आर. में प्रोजेक्ट फेलो के रूप में नौकरी मिल गई। चंद्रानी ने पी.एच.डी. भी की है, रॉक यांत्रिकी और संख्यात्मक मॉडलिंग में ।*
स्रोत: https://www.thehindu.com/education/careers/light-at-the-end-of-the-tunnel/article26444712.ece
* उपरोक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।