एक बैकयार्ड या लघु मुर्गी पालक अंडे, दूध या मांस उत्पादन के लिए घरेलू पक्षियों के विभिन्न प्रकारों के साथ-साथ बकरियों और सुअरों का पालन और देखभाल करता है। ये रेशम पालन और मधुमक्खी पालन के प्रबंधन के लिए भी उत्तरदायी होते हैं।
व्यक्तिगत क्षमताएं
• आप संवाद कौशल में अच्छे हों।
• आप चीजों को समायोजित करना पसंद करते हों।
• आपके पास अच्छी विश्लेषणात्मक क्षमता हो।
• आप अपने कार्यों को सुव्यवस्थित रूप से करते हों।
प्रवेश मार्ग
स्नातक
बी.एससी. एग्रीकल्चर (4 वर्ष), बी.एससी. हॉर्टिकल्चर (4 वर्ष), बी.एससी. एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग (4 वर्ष), बी.वी.एससी. एंड ए.एच. (5 वर्ष), डिप्लोमा इन एग्रीकल्चरल साइंस (2-3 वर्ष)। स्नातकोत्तर
एम.एससी. एग्रीकल्चर (2 वर्ष), एमबीए इन एग्रिबिजनेस मैनेजमेंट (2 वर्ष)।
कृपया नामांकन के दौरान पाठ्यक्रम अवधि की जांच करें।
शैक्षिक संस्थान
यह पाठ्यक्रम कंप्यूटर विज्ञान और अभियांत्रिकी विभाग द्वारा संचालित किया जाता है।
संस्थानों की यह सूची केवल सांकेतिक है।
सरकारी संस्थान
1. भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इजतनगर, बरेली, उत्तर प्रदेश
2. राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल, हरियाणा
3. पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय, असम कृषि विश्वविद्यालय, गुवाहाटी, असम
4. तमिलनाडु पशु चिकित्सा एवं पशुपालन विश्वविद्यालय, चेन्नई, तमिलनाडु
5. पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पी.ए.यू.), लुधियाना, पंजाब
6. महाराष्ट्र पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय, नागपुर, महाराष्ट्र
7. केंद्रीय मुर्गी इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, हैदराबाद, तेलंगाना
फीस
अनुमानित पाठ्यक्रम शुल्क रुपए 10,000 - 75,000* के बीच है।
*उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
छात्रवृत्ति/ऋण
छात्रवृत्ति
• राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल: सभी नवीनतम जानकारियों के लिए http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। इस पोर्टल के अंतर्गत, विभिन्न विभागों द्वारा प्रदान की गई केंद्र सरकार की योजनाएं उपलब्ध हैं, जिनमें डेयरी फार्मिंग और उद्यमिता जैसे कृषि और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए छात्रवृत्तियां शामिल हैं।
• प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना: सभी नवीनतम जानकारियों के लिए http://www.pmkvyofficial.org पर जाएं। इस पोर्टल पर, केंद्र सरकार द्वारा कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए योजनाएं उपलब्ध हैं, जिनमें डेयरी फार्मिंग और उद्यमिता शामिल हैं।
• राष्ट्रीय बागवानी मिशन: सभी नवीनतम जानकारियों के लिए https://nhm.nic.in पर जाएं। इस पोर्टल के तहत किसानों को रेशम पालन, शहतूत खेती और मधुमक्खी पालन जैसे क्षेत्रों में वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करने की योजनाएं उपलब्ध हैं।
• कृषि और संबंधित क्षेत्रों के लिए राज्य सरकार की योजनाएं: संबंधित राज्य सरकार के पोर्टल पर जाएं। कई राज्य सरकारें छोटे पोल्ट्री फार्मिंग, मधुमक्खी पालन, बकरी पालन और अन्य समान क्षेत्रों में प्रशिक्षण या पाठ्यक्रम करने वाले किसानों को छात्रवृत्ति और वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं। *(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
ऋण
• विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in , शिक्षा ऋण लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्च शिक्षा विभाग (शिक्षा मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है , पोर्टल पर कभी भी विद्यार्थी बैंकों में शिक्षा ऋण आवेदनों को देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और शिक्षा ऋण की तथागत स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
• कुछ राज्यों में कम ब्याज दर पर विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
• सभी बैंक शिक्षा ऋण प्रदान करते हैं।
आप कहाँ पर कार्य करेंगे
कार्य स्थल: उद्योग जैसे बकरी पालन, मुर्गी पालन, सुअर पालन, मत्स्य पालन, रेशम उत्पादन, मधुमक्खी पालन इकाइयां आदि।
उद्यमिता: आप थोक विक्रेताओं से अनुबंध प्राप्त कर सकते हैं और अपने उत्पादों को सीधे विक्रय कर सकते हैं।
कार्य वातावरण: आपको कम से कम 8 - 9 घंटे और हफ्ते में 5 - 6 दिन काम करना होगा। शिफ्ट सिस्टम उपलब्ध है। ओवरटाइम करना आम बात है।
इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
किस प्रकार तरक्की कर सकते हैं
किसान → फार्म कृषि प्रबंधक
अपेक्षाकृत वेतन
कृषक: बैकयार्ड/लघु मुर्गीपालक की आय रुपए 7,000 - 10,000* प्रति माह के बीच हो सकती है। स्रोत:https://bit.ly/3KBGszY
*उल्लेखित आय सांकेतिक एवं परिवर्तनीय है।
फील्ड के कुछ अनुभव
यान सिंह बरमाड़ी गांव के रहने वाले हैं। पहले उनके परिवार को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि यान सिंह एक भयानक दुर्घटना का शिकार हो गए और अपनी आजीविका के लिए दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करने में पूरी तरह से असमर्थ थे। उन्होंने कृषि पर प्रशिक्षण योजना में गहरी रुचि दिखाई और सुंदरनगर (मंडी) में एक पोल्ट्री फार्म में मुर्गी पालन में 7 दिनों के प्रशिक्षण कोर्स में भाग लिया। उन्होंने सरकार द्वारा दी गई प्रारंभिक वित्तीय सहायता से पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था के साथ एक पक्का (स्थायी) हवादार शेड का निर्माण किया। इसके बाद यान चूजों, पक्षियों और मुर्गे के चारे को लेकर आये और अपना पोल्ट्री फार्म शुरू किया। पोल्ट्री से होने वाली आय ने यान सिंह को भविष्य में पोल्ट्री पालन को अपने प्रोफ़ेशन के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है। वे मुनाफे का पुनर्निवेश करना चाहते हैं और कृषि कार्यों का विस्तार करना चाहते हैं। यान सिंह द्वारा योजना के सफल क्रियान्वयन ने अन्य निवासी परिवारों का ध्यान आकर्षित किया है जो पहले इस प्रोफ़ेशन से अनजान थे।*
कृषक: बैकयार्ड/लघु मुर्गीपालक
NCS Code: 6122.0200 | AAS007• आप संवाद कौशल में अच्छे हों।
• आप चीजों को समायोजित करना पसंद करते हों।
• आपके पास अच्छी विश्लेषणात्मक क्षमता हो।
• आप अपने कार्यों को सुव्यवस्थित रूप से करते हों।
स्नातक
बी.एससी. एग्रीकल्चर (4 वर्ष), बी.एससी. हॉर्टिकल्चर (4 वर्ष), बी.एससी. एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग (4 वर्ष), बी.वी.एससी. एंड ए.एच. (5 वर्ष), डिप्लोमा इन एग्रीकल्चरल साइंस (2-3 वर्ष)।
स्नातकोत्तर
एम.एससी. एग्रीकल्चर (2 वर्ष), एमबीए इन एग्रिबिजनेस मैनेजमेंट (2 वर्ष)।
कृपया नामांकन के दौरान पाठ्यक्रम अवधि की जांच करें।
यह पाठ्यक्रम कंप्यूटर विज्ञान और अभियांत्रिकी विभाग द्वारा संचालित किया जाता है।
संस्थानों की यह सूची केवल सांकेतिक है।
सरकारी संस्थान
1. भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इजतनगर, बरेली, उत्तर प्रदेश
2. राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल, हरियाणा
3. पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय, असम कृषि विश्वविद्यालय, गुवाहाटी, असम
4. तमिलनाडु पशु चिकित्सा एवं पशुपालन विश्वविद्यालय, चेन्नई, तमिलनाडु
5. पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पी.ए.यू.), लुधियाना, पंजाब
6. महाराष्ट्र पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय, नागपुर, महाराष्ट्र
7. केंद्रीय मुर्गी इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, हैदराबाद, तेलंगाना
अनुमानित पाठ्यक्रम शुल्क रुपए 10,000 - 75,000* के बीच है।
*उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
छात्रवृत्ति
• राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल: सभी नवीनतम जानकारियों के लिए http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। इस पोर्टल के अंतर्गत, विभिन्न विभागों द्वारा प्रदान की गई केंद्र सरकार की योजनाएं उपलब्ध हैं, जिनमें डेयरी फार्मिंग और उद्यमिता जैसे कृषि और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए छात्रवृत्तियां शामिल हैं।
• प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना: सभी नवीनतम जानकारियों के लिए http://www.pmkvyofficial.org पर जाएं। इस पोर्टल पर, केंद्र सरकार द्वारा कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए योजनाएं उपलब्ध हैं, जिनमें डेयरी फार्मिंग और उद्यमिता शामिल हैं।
• राष्ट्रीय बागवानी मिशन: सभी नवीनतम जानकारियों के लिए https://nhm.nic.in पर जाएं। इस पोर्टल के तहत किसानों को रेशम पालन, शहतूत खेती और मधुमक्खी पालन जैसे क्षेत्रों में वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करने की योजनाएं उपलब्ध हैं।
• कृषि और संबंधित क्षेत्रों के लिए राज्य सरकार की योजनाएं: संबंधित राज्य सरकार के पोर्टल पर जाएं। कई राज्य सरकारें छोटे पोल्ट्री फार्मिंग, मधुमक्खी पालन, बकरी पालन और अन्य समान क्षेत्रों में प्रशिक्षण या पाठ्यक्रम करने वाले किसानों को छात्रवृत्ति और वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं।
*(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
ऋण
• विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in , शिक्षा ऋण लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्च शिक्षा विभाग (शिक्षा मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है , पोर्टल पर कभी भी विद्यार्थी बैंकों में शिक्षा ऋण आवेदनों को देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और शिक्षा ऋण की तथागत स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
• कुछ राज्यों में कम ब्याज दर पर विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
• सभी बैंक शिक्षा ऋण प्रदान करते हैं।
कार्य स्थल: उद्योग जैसे बकरी पालन, मुर्गी पालन, सुअर पालन, मत्स्य पालन, रेशम उत्पादन, मधुमक्खी पालन इकाइयां आदि।
उद्यमिता: आप थोक विक्रेताओं से अनुबंध प्राप्त कर सकते हैं और अपने उत्पादों को सीधे विक्रय कर सकते हैं।
कार्य वातावरण: आपको कम से कम 8 - 9 घंटे और हफ्ते में 5 - 6 दिन काम करना होगा। शिफ्ट सिस्टम उपलब्ध है। ओवरटाइम करना आम बात है।
इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
किसान → फार्म कृषि प्रबंधक
कृषक: बैकयार्ड/लघु मुर्गीपालक की आय रुपए 7,000 - 10,000* प्रति माह के बीच हो सकती है।
स्रोत: https://bit.ly/3KBGszY
*उल्लेखित आय सांकेतिक एवं परिवर्तनीय है।
फील्ड के कुछ अनुभव
यान सिंह बरमाड़ी गांव के रहने वाले हैं। पहले उनके परिवार को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि यान सिंह एक भयानक दुर्घटना का शिकार हो गए और अपनी आजीविका के लिए दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करने में पूरी तरह से असमर्थ थे। उन्होंने कृषि पर प्रशिक्षण योजना में गहरी रुचि दिखाई और सुंदरनगर (मंडी) में एक पोल्ट्री फार्म में मुर्गी पालन में 7 दिनों के प्रशिक्षण कोर्स में भाग लिया। उन्होंने सरकार द्वारा दी गई प्रारंभिक वित्तीय सहायता से पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था के साथ एक पक्का (स्थायी) हवादार शेड का निर्माण किया। इसके बाद यान चूजों, पक्षियों और मुर्गे के चारे को लेकर आये और अपना पोल्ट्री फार्म शुरू किया। पोल्ट्री से होने वाली आय ने यान सिंह को भविष्य में पोल्ट्री पालन को अपने प्रोफ़ेशन के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है। वे मुनाफे का पुनर्निवेश करना चाहते हैं और कृषि कार्यों का विस्तार करना चाहते हैं। यान सिंह द्वारा योजना के सफल क्रियान्वयन ने अन्य निवासी परिवारों का ध्यान आकर्षित किया है जो पहले इस प्रोफ़ेशन से अनजान थे।*
स्रोत: https://manage.gov.in/cfa/successstories/
*उपरोक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।