एयरोनॉटिकल इंजीनियर का कार्य सुरक्षित रूप से फ्यूल एफिशिएंट मशीनों को डिजाइन और विकसित करना होता है, जो कि स्पेस में उड़ान भर सकें। इनमें हवाई जहाज़, हेलीकाप्टर, सैटेलाइट, मिसाइल्स, ड्रोन और स्पेसक्राफ्ट शामिल होते हैं । हवाई जहाजों का निरीक्षण और उन्हें उड़ने लायक होने की अनुमति देना भी एयरोनॉटिकल इंजीनियर का ही उत्तरदायित्व होता है।
व्यक्तिगत क्षमताएं
• आपको वस्तुएं डिजाइन और निर्माण करना पसंद हो।
• आपको वस्तुओं की कार्यप्रणाली जानना पसंद हो और आप विवरणों पर ध्यान देते हों।
• आपको चीजें सही क्रम से रखना और समस्याओं का विश्लेषण करना पसंद हो।
• ड्राइंग बनाने में आपकी रुचि हो ।
प्रवेश मार्ग
1. विज्ञान वर्ग (भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित) में 10+2 उत्तीर्ण ।
2. एयरोनॉटिकल या एयरोस्पेस अभियांत्रिकी (बी.टेक./बी.ई.) में स्नातक करें। अथवा
स्नातक के बाद उसी या संबंधित क्षेत्र में स्नातकोत्तर करें ।
एरोस्पेस/एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के लिए आपको राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रवेश परीक्षा (जे.ई.ई. मेन्स, जे.ई.ई. एडवांस्ड आदि) या ए.एम.ई. सी.ई.टी. में उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
कृपया नामांकन के दौरान पाठ्यक्रम अवधि की जांच करें।
शैक्षिक संस्थान
यह पाठ्यक्रम एयरोनॉटिकल या एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग द्वारा संचालित किया जाता है। संस्थानों की यह सूची केवल सांकेतिक है।
सरकारी संस्थान
1. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास, तमिलनाडु
2. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर, उत्तर प्रदेश
3. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी, असम
4. भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, तिरुवनंतपुरम, तमिलनाडु
5. इंजीनियरिंग कॉलेज, चेन्नई, तमिलनाडु
6. जवाहरलाल नेहरू प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हैदराबाद, तेलंगाना
7. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा, राजस्थान
8. पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़
निजी संस्थान
(कृपया आवेदन करने से पहले जांच लें कि संस्थान यू.जी.सी. और ए.आई.सी.टी.ई. से संबद्ध और मान्यता प्राप्त है या नहीं)
1. एम.आई.टी. मणिपाल, कर्नाटक
2. दयानंद सागर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, बेंगलुरु, कर्नाटक
3. सत्यभामा विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, सत्यभामा विश्वविद्यालय, चेन्नई, तमिलनाडु
4. कुमारगुरु कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, कोयम्बटूर, तमिलनाडु
5. डॉ. अम्बेडकर प्रौद्योगिकी संस्थान, बेंगलुरु, कर्नाटक
6. निट्टे मीनाक्षी प्रौद्योगिकी संस्थान, बेंगलुरु, कर्नाटक
7. बन्नारी अम्मन प्रौद्योगिकी संस्थान, बन्नारी, तमिलनाडु
8. मद्रास प्रौद्योगिकी संस्थान, चेन्नई, तमिलनाडु
दूरस्थ शिक्षा संस्थान
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू)
फीस
अनुमानित पाठ्यक्रम शुल्क रुपए 6,000 -1,33,333* के बीच है।
* उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
छात्रवृत्ति/ऋण
छात्रवृत्ति
• किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना छात्रवृत्तिः यह छात्रवृत्ति अभियांत्रिकी स्नातक पाठ्यक्रम के पहले वर्ष में नामांकित विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है। इसकी पात्रता में एक योग्यता परीक्षा शामिल है। यह भारत सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है, जिसके पास वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए एक उत्तम योग्यता होती है ।*
• योग्यता-सह-साधन आधारित छात्रवृत्तिः अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा प्रत्येक वर्ष लगभग 20,000 अभियांत्रिकी छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं। इस योजना के अंतर्गत उम्मीदवारों का समस्त पाठ्यक्रम शुल्क सीधे उनके संस्थानों को भुगतान किया जाता है ।*
• इंडियन ऑयल एजुकेशनल स्कॉलरशिपः आई.ओ.सी. लिमिटेड पात्र विद्यार्थियों को प्रत्येक वर्ष 300 छात्रवृत्तियां प्रदान करता है, इसके लिए विद्यार्थियों को एक स्नातक पाठ्यक्रम में नामांकित होना होता है। छात्रवृत्ति विशेष रूप से शारीरिक अक्षमता वाले छात्रों, महिलाओं और उत्तर पूर्व और जम्मू-कश्मीर के विद्यार्थियों के लिए है ।*
• सभी नवीनतम जानकारियों के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। इस पोर्टल के अंतर्गत केंद्र के विभिन्न विभागों, यू.जी.सी. ए.आई.सी.टी.ई. योजनाओं और राज्य शासन की योजनाएं प्रस्तुत की जाती हैं ।*
• योग्यता के आधार पर संस्थानों द्वारा भी छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।*
*(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है ।)
ऋण
• विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in, शिक्षा ऋण लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्च शिक्षा विभाग (शिक्षा मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है, पोर्टल पर कभी भी विद्यार्थी बैंकों में शिक्षा ऋण आवेदनों को देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और शिक्षा ऋण की तथागत स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
• कुछ राज्यों में कम ब्याज दर पर विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध हैं,
उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
• सभी बैंक शिक्षा ऋण प्रदान करते हैं।
आप कहाँ पर कार्य करेंगे
कार्य स्थल: एयरोनॉटिकल या एयरोस्पेस इंजीनियर भारतीय वायु सेना, रक्षा मंत्रालय, एयरलाइंस उद्योग, विमानन कंपनियों या अनुसंधान एजेंसियों में काम कर सकते हैं। कार्य वातावरण: ये एक पूर्णकालिक कार्य होता है। कार्य करने का समय सप्ताह में 40 घंटे तक का हो सकता है। सप्ताह में 7 दिन 24 घंटे काम करने वाले संस्थानों में ओवरटाइम भी सामान्य बात है। आप या तो ऑफिस में काम कर सकते हैं या वे यूनिट्स में जहां उपकरणों को डिज़ाइन और संग्रहित किया जाता है, आप वहां परीक्षण का कार्य कर सकते हैं।
इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
किस प्रकार तरक्की कर सकते हैं
स्नातक ट्रेनी इंजीनियर → एयरक्राफ्ट इंजीनियर/हवाई सुरक्षा अधिकारी → वरिष्ठ इंजीनियर
अपेक्षाकृत वेतन
एयरोनॉटिकल/एयरोस्पेस इंजीनियर की आय रुपए 18,750-1,51,250* प्रतिमाह हो सकती है।
कल्पना चावला, पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में वैमानिकी इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला थीं। पीएचडी करने के बाद उन्होंने नासा से जुड़ गईं और वर्ष 1997 में अपना पहला अंतरिक्ष मिशन शुरू किया। उनका करियर और जीवन इतिहास का हिस्सा है। वह इस क्षेत्र के सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं।*
एयरोनॉटिकल इंजीनियर
NCS Code: NA | E001• आपको वस्तुएं डिजाइन और निर्माण करना पसंद हो।
• आपको वस्तुओं की कार्यप्रणाली जानना पसंद हो और आप विवरणों पर ध्यान देते हों।
• आपको चीजें सही क्रम से रखना और समस्याओं का विश्लेषण करना पसंद हो।
• ड्राइंग बनाने में आपकी रुचि हो ।
1. विज्ञान वर्ग (भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित) में 10+2 उत्तीर्ण ।
2. एयरोनॉटिकल या एयरोस्पेस अभियांत्रिकी (बी.टेक./बी.ई.) में स्नातक करें।
अथवा
स्नातक के बाद उसी या संबंधित क्षेत्र में स्नातकोत्तर करें ।
एरोस्पेस/एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के लिए आपको राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रवेश परीक्षा (जे.ई.ई. मेन्स, जे.ई.ई. एडवांस्ड आदि) या ए.एम.ई. सी.ई.टी. में उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
कृपया नामांकन के दौरान पाठ्यक्रम अवधि की जांच करें।
यह पाठ्यक्रम एयरोनॉटिकल या एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग द्वारा संचालित किया जाता है।
संस्थानों की यह सूची केवल सांकेतिक है।
सरकारी संस्थान
1. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास, तमिलनाडु
2. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर, उत्तर प्रदेश
3. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी, असम
4. भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, तिरुवनंतपुरम, तमिलनाडु
5. इंजीनियरिंग कॉलेज, चेन्नई, तमिलनाडु
6. जवाहरलाल नेहरू प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हैदराबाद, तेलंगाना
7. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा, राजस्थान
8. पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़
निजी संस्थान
(कृपया आवेदन करने से पहले जांच लें कि संस्थान यू.जी.सी. और ए.आई.सी.टी.ई. से संबद्ध और मान्यता प्राप्त है या नहीं)
1. एम.आई.टी. मणिपाल, कर्नाटक
2. दयानंद सागर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, बेंगलुरु, कर्नाटक
3. सत्यभामा विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, सत्यभामा विश्वविद्यालय, चेन्नई, तमिलनाडु
4. कुमारगुरु कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, कोयम्बटूर, तमिलनाडु
5. डॉ. अम्बेडकर प्रौद्योगिकी संस्थान, बेंगलुरु, कर्नाटक
6. निट्टे मीनाक्षी प्रौद्योगिकी संस्थान, बेंगलुरु, कर्नाटक
7. बन्नारी अम्मन प्रौद्योगिकी संस्थान, बन्नारी, तमिलनाडु
8. मद्रास प्रौद्योगिकी संस्थान, चेन्नई, तमिलनाडु
संस्थान रैंकिंग की जानकारी यहां उपलब्ध है - https://www.nirfindia.org/Rankings/2023/Ranking.html
दूरस्थ शिक्षा संस्थान
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू)
अनुमानित पाठ्यक्रम शुल्क रुपए 6,000 -1,33,333* के बीच है।
* उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
छात्रवृत्ति
• किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना छात्रवृत्तिः यह छात्रवृत्ति अभियांत्रिकी स्नातक पाठ्यक्रम के पहले वर्ष में नामांकित विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है। इसकी पात्रता में एक योग्यता परीक्षा शामिल है। यह भारत सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है, जिसके पास वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए एक उत्तम योग्यता होती है ।*
• योग्यता-सह-साधन आधारित छात्रवृत्तिः अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा प्रत्येक वर्ष लगभग 20,000 अभियांत्रिकी छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं। इस योजना के अंतर्गत उम्मीदवारों का समस्त पाठ्यक्रम शुल्क सीधे उनके संस्थानों को भुगतान किया जाता है ।*
• इंडियन ऑयल एजुकेशनल स्कॉलरशिपः आई.ओ.सी. लिमिटेड पात्र विद्यार्थियों को प्रत्येक वर्ष 300 छात्रवृत्तियां प्रदान करता है, इसके लिए विद्यार्थियों को एक स्नातक पाठ्यक्रम में नामांकित होना होता है। छात्रवृत्ति विशेष रूप से शारीरिक अक्षमता वाले छात्रों, महिलाओं और उत्तर पूर्व और जम्मू-कश्मीर के विद्यार्थियों के लिए है ।*
• सभी नवीनतम जानकारियों के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। इस पोर्टल के अंतर्गत केंद्र के विभिन्न विभागों, यू.जी.सी. ए.आई.सी.टी.ई. योजनाओं और राज्य शासन की योजनाएं प्रस्तुत की जाती हैं ।*
• योग्यता के आधार पर संस्थानों द्वारा भी छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।*
*(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है ।)
ऋण
• विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in, शिक्षा ऋण लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्च शिक्षा विभाग (शिक्षा मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है, पोर्टल पर कभी भी विद्यार्थी बैंकों में शिक्षा ऋण आवेदनों को देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और शिक्षा ऋण की तथागत स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
• कुछ राज्यों में कम ब्याज दर पर विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध हैं,
उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
• सभी बैंक शिक्षा ऋण प्रदान करते हैं।
कार्य स्थल: एयरोनॉटिकल या एयरोस्पेस इंजीनियर भारतीय वायु सेना, रक्षा मंत्रालय, एयरलाइंस उद्योग, विमानन कंपनियों या अनुसंधान एजेंसियों में काम कर सकते हैं।
कार्य वातावरण: ये एक पूर्णकालिक कार्य होता है। कार्य करने का समय सप्ताह में 40 घंटे तक का हो सकता है। सप्ताह में 7 दिन 24 घंटे काम करने वाले संस्थानों में ओवरटाइम भी सामान्य बात है। आप या तो ऑफिस में काम कर सकते हैं या वे यूनिट्स में जहां उपकरणों को डिज़ाइन और संग्रहित किया जाता है, आप वहां परीक्षण का कार्य कर सकते हैं।
इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
स्नातक ट्रेनी इंजीनियर → एयरक्राफ्ट इंजीनियर/हवाई सुरक्षा अधिकारी → वरिष्ठ इंजीनियर
एयरोनॉटिकल/एयरोस्पेस इंजीनियर की आय रुपए 18,750-1,51,250* प्रतिमाह हो सकती है।
स्रोत: https://www.amecet.in/aeronautical-engineering-salary-in-india.php
* उल्लेखित आय सांकेतिक एवं परिवर्तनीय है।
फील्ड के कुछ अनुभव
कल्पना चावला, पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में वैमानिकी इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला थीं। पीएचडी करने के बाद उन्होंने नासा से जुड़ गईं और वर्ष 1997 में अपना पहला अंतरिक्ष मिशन शुरू किया। उनका करियर और जीवन इतिहास का हिस्सा है। वह इस क्षेत्र के सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं।*
स्रोत: https://www.thomasnet.com/insights/famous-aerospace-engineers/
* उपरोक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।