आनुवंशिक अभियंता जीवित प्राणियों के जीन में परिवर्तन करते हैं। जीन छोटी इकाइयाँ होती हैं जो किसी जीव के बारे में जानकारी लेकर चलती हैं। ये डीएनए नामक पदार्थ से बनी होती हैं, जो हर जीवित प्राणी की कोशिकाओं में पाया जाता है। जीन में परिवर्तन की इस प्रक्रिया को ही आनुवंशिक अभियांत्रिकी कहा जाता है।
व्यक्तिगत क्षमताएं
• आप विज्ञान का आनंद लेते हों।
• आप समस्याओं तथा स्थितियों का विश्लेषण करना पसंद करते हों।
• आप प्रयोग करना पसंद करते हों।
• आप विवरणों पर ध्यान देते हों।
प्रवेश मार्ग
1. विज्ञान वर्ग (भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित/जीव विज्ञान) में 10+2 पूरा करें।
2. जेनेटिक्स/जीवन विज्ञान/जैव प्रौद्योगिकी/जैविक विज्ञान/ आनुवंशिक इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री पूरी करें। अथवा
स्नातक की डिग्री के बाद उसी या संबंधित क्षेत्र में स्नातकोत्तर डिग्री पूरी करें। अथवा
विज्ञान वर्ग में 10+2 पूरा करें, एम.बी.बी.एस. करें और फिर मेडिकल जेनेटिक्स, क्लिनिकल जीनोमिक्स, बायो-फिजिक्स आदि में एम.डी. करें।
कृपया नामांकन के दौरान पाठ्यक्रम की अवधि की जांच करें।
शैक्षिक संस्थान
यह पाठ्यक्रम अभियांत्रिकी विभाग द्वारा संचालित किया जाता है। *उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
सरकारी संस्थान
1. भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर, कर्नाटक
2. आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना, बिहार
3. मदुरै कामराज विश्वविद्यालय, मदुरै, तमिलनाडु
4. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर, पश्चिम बंगाल
5. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, चेन्नई, तमिलनाडु
6. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी, असम
7. एडब्ल्युएच स्पेशल कॉलेज, कालीकट, कोझीकोड, केरल
8. दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
निजी संस्थान
(कृपया आवेदन करने से पहले जाँच लें कि संस्थान यू.जी.सी. और ए.आई.सी.टी.ई. से संबद्ध और मान्यता प्राप्त है या नहीं)
1. विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, कट्टनकुलथुर, तमिलनाडु
2. भारत उच्च शिक्षा और अनुसंधान संस्थान, चेन्नई, तमिलनाडु
3. शारदा विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश
4. लवली प्रोफेशनल विश्वविद्यालय, जालंधर, पंजाब
5. शूलिनी विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश
6. एशियाई अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, मणिपुर, कर्नाटक
7. मेरिट इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, तमिलनाडु
8. इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्निकल स्टडीज, बैंगलोर, कर्नाटक
अनुमानित पाठ्यक्रम शुल्क रुपए 2,00,000 - 10,00,000* के बीच हो सकता है।
*उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
छात्रवृत्ति/ऋण
छात्रवृत्ति
• किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना छात्रवृत्ति: यह छात्रवृत्ति अभियांत्रिकी स्नातक पाठ्यक्रम के पहले वर्ष में नामांकित विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है। इसकी पात्रता में एक योग्यता परीक्षा शामिल है। यह भारत सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है, जिसके पास वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए एक उत्तम योग्यता होती है।*
• योग्यता-सह-साधन आधारित छात्रवृत्ति: अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा प्रत्येक वर्ष लगभग 20,000 अभियांत्रिकी छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं। इस योजना के अंतर्गत उम्मीदवारों का समस्त पाठ्यक्रम शुल्क सीधे उनके संस्थानों को भुगतान किया जाता है।*
• इंडियन ऑयल एजुकेशनल स्कॉलरशिप: आई.ओ.सी. लिमिटेड पात्र विद्यार्थियों को प्रत्येक वर्ष 300 छात्रवृत्तियां प्रदान करता है, इसके लिए विद्यार्थियों को एक स्नातक पाठ्यक्रम में नामांकित होना होता है। छात्रवृत्ति विशेष रूप से शारीरिक अक्षमता वाले छात्रों, महिलाओं और उत्तर पूर्व और जम्मू-कश्मीर के विद्यार्थियों के लिए है।*
• सभी नवीनतम जानकारियों के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। इस पोर्टल के अंतर्गत केंद्र के विभिन्न विभागों, यू.जी.सी./ए.आई.सी.टी.ई. योजनाओं और राज्य शासन की योजनाएं प्रस्तुत की जाती हैं।*
• योग्यता के आधार पर संस्थानों द्वारा भी छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।*
*(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
ऋण
• विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in, शिक्षा ऋण लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्च शिक्षा विभाग (शिक्षा मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है , पोर्टल पर कभी भी विद्यार्थी बैंकों में शिक्षा ऋण आवेदनों को देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और शिक्षा ऋण की तथागत स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
• कुछ राज्यों में कम ब्याज दर पर विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
• सभी बैंक शिक्षा ऋण प्रदान करते हैं।
आप कहाँ पर कार्य करेंगे
कार्य स्थल: कृषि और चिकित्सा उद्योग, सार्वजनिक, अर्ध-सार्वजनिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास विभाग, फार्मास्युटिकल और जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र और पशु देखभाल केंद्र आदि।
कार्य वातावरण: आप अपना अधिकांश समय प्रयोगशालाओं में बिताएंगे, अनुसंधान प्रयोगों को डिजाइन और संचालित करेंगे और आनुवंशिक इंजीनियरिंग प्रक्रियाएं करेंगे। आप सामान्य नौ से पांच बजे तक काम कर सकते हैं, हालांकि आपको अनुसंधान परियोजनाओं को पूरा करने या रिपोर्ट लिखने के लिए देर रात और सप्ताहांत पर काम करना पड़ सकता है।
इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
किस प्रकार तरक्की कर सकते हैं
अनुसंधान सहायक → वरिष्ठ शोधकर्ता → प्रबंधक/प्रोफ़ेसर
अथवा
सहयोगी वैज्ञानिक वैज्ञानिक → कनिष्ठ वैज्ञानिक → वरिष्ठ वैज्ञानिक → प्रधान वैज्ञानिक
अपेक्षाकृत वेतन
आनुवंशिक अभियंता की आय रुपए 7,000 - 3,33,333* प्रति माह के बीच हो सकती है।
जानकी अम्मल (1897-1984) को पौधों की साइटोलॉजी में उनके वैज्ञानिक शोध के लिए जाना जाता है, जो पौधों की आनुवंशिक संरचना और जीन अभिव्यक्ति के पैटर्न का अध्ययन है। तेलीचेरी में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, वह मद्रास चली गईं जहाँ उन्होंने क्वीन मैरी कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और वर्ष 1921 में प्रेसीडेंसी कॉलेज से वनस्पति विज्ञान में ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की। उन्हें वर्ष 1977 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया और वे भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण की महानिदेशक बनीं।*
आनुवंशिक अभियंता
NCS Code: NA | RD017• आप विज्ञान का आनंद लेते हों।
• आप समस्याओं तथा स्थितियों का विश्लेषण करना पसंद करते हों।
• आप प्रयोग करना पसंद करते हों।
• आप विवरणों पर ध्यान देते हों।
1. विज्ञान वर्ग (भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित/जीव विज्ञान) में 10+2 पूरा करें।
2. जेनेटिक्स/जीवन विज्ञान/जैव प्रौद्योगिकी/जैविक विज्ञान/ आनुवंशिक इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री पूरी करें।
अथवा
स्नातक की डिग्री के बाद उसी या संबंधित क्षेत्र में स्नातकोत्तर डिग्री पूरी करें।
अथवा
विज्ञान वर्ग में 10+2 पूरा करें, एम.बी.बी.एस. करें और फिर मेडिकल जेनेटिक्स, क्लिनिकल जीनोमिक्स, बायो-फिजिक्स आदि में एम.डी. करें।
कृपया नामांकन के दौरान पाठ्यक्रम की अवधि की जांच करें।
यह पाठ्यक्रम अभियांत्रिकी विभाग द्वारा संचालित किया जाता है।
*उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
सरकारी संस्थान
1. भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर, कर्नाटक
2. आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना, बिहार
3. मदुरै कामराज विश्वविद्यालय, मदुरै, तमिलनाडु
4. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर, पश्चिम बंगाल
5. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, चेन्नई, तमिलनाडु
6. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी, असम
7. एडब्ल्युएच स्पेशल कॉलेज, कालीकट, कोझीकोड, केरल
8. दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
निजी संस्थान
(कृपया आवेदन करने से पहले जाँच लें कि संस्थान यू.जी.सी. और ए.आई.सी.टी.ई. से संबद्ध और मान्यता प्राप्त है या नहीं)
1. विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, कट्टनकुलथुर, तमिलनाडु
2. भारत उच्च शिक्षा और अनुसंधान संस्थान, चेन्नई, तमिलनाडु
3. शारदा विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश
4. लवली प्रोफेशनल विश्वविद्यालय, जालंधर, पंजाब
5. शूलिनी विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश
6. एशियाई अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय, मणिपुर, कर्नाटक
7. मेरिट इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, तमिलनाडु
8. इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्निकल स्टडीज, बैंगलोर, कर्नाटक
संस्थान रैंकिंग की जानकारी यहाँ उपलब्ध है - https://www.nirfindia.org/Rankings/2023/Ranking.html
अनुमानित पाठ्यक्रम शुल्क रुपए 2,00,000 - 10,00,000* के बीच हो सकता है।
*उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
छात्रवृत्ति
• किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना छात्रवृत्ति: यह छात्रवृत्ति अभियांत्रिकी स्नातक पाठ्यक्रम के पहले वर्ष में नामांकित विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है। इसकी पात्रता में एक योग्यता परीक्षा शामिल है। यह भारत सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है, जिसके पास वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए एक उत्तम योग्यता होती है।*
• योग्यता-सह-साधन आधारित छात्रवृत्ति: अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा प्रत्येक वर्ष लगभग 20,000 अभियांत्रिकी छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं। इस योजना के अंतर्गत उम्मीदवारों का समस्त पाठ्यक्रम शुल्क सीधे उनके संस्थानों को भुगतान किया जाता है।*
• इंडियन ऑयल एजुकेशनल स्कॉलरशिप: आई.ओ.सी. लिमिटेड पात्र विद्यार्थियों को प्रत्येक वर्ष 300 छात्रवृत्तियां प्रदान करता है, इसके लिए विद्यार्थियों को एक स्नातक पाठ्यक्रम में नामांकित होना होता है। छात्रवृत्ति विशेष रूप से शारीरिक अक्षमता वाले छात्रों, महिलाओं और उत्तर पूर्व और जम्मू-कश्मीर के विद्यार्थियों के लिए है।*
• सभी नवीनतम जानकारियों के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। इस पोर्टल के अंतर्गत केंद्र के विभिन्न विभागों, यू.जी.सी./ए.आई.सी.टी.ई. योजनाओं और राज्य शासन की योजनाएं प्रस्तुत की जाती हैं।*
• योग्यता के आधार पर संस्थानों द्वारा भी छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।*
*(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
ऋण
• विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in, शिक्षा ऋण लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्च शिक्षा विभाग (शिक्षा मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है , पोर्टल पर कभी भी विद्यार्थी बैंकों में शिक्षा ऋण आवेदनों को देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और शिक्षा ऋण की तथागत स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
• कुछ राज्यों में कम ब्याज दर पर विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
• सभी बैंक शिक्षा ऋण प्रदान करते हैं।
कार्य स्थल: कृषि और चिकित्सा उद्योग, सार्वजनिक, अर्ध-सार्वजनिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास विभाग, फार्मास्युटिकल और जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र और पशु देखभाल केंद्र आदि।
कार्य वातावरण: आप अपना अधिकांश समय प्रयोगशालाओं में बिताएंगे, अनुसंधान प्रयोगों को डिजाइन और संचालित करेंगे और आनुवंशिक इंजीनियरिंग प्रक्रियाएं करेंगे। आप सामान्य नौ से पांच बजे तक काम कर सकते हैं, हालांकि आपको अनुसंधान परियोजनाओं को पूरा करने या रिपोर्ट लिखने के लिए देर रात और सप्ताहांत पर काम करना पड़ सकता है।
इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
अनुसंधान सहायक → वरिष्ठ शोधकर्ता → प्रबंधक/प्रोफ़ेसर
अथवा
सहयोगी वैज्ञानिक वैज्ञानिक → कनिष्ठ वैज्ञानिक → वरिष्ठ वैज्ञानिक → प्रधान वैज्ञानिक
आनुवंशिक अभियंता की आय रुपए 7,000 - 3,33,333* प्रति माह के बीच हो सकती है।
स्रोत: https://www.payscale.com/research/IN/Job=Genetic_Engineer/Salary
*उल्लेखित आय सांकेतिक एवं परिवर्तनीय है।
फील्ड के कुछ अनुभव
जानकी अम्मल (1897-1984) को पौधों की साइटोलॉजी में उनके वैज्ञानिक शोध के लिए जाना जाता है, जो पौधों की आनुवंशिक संरचना और जीन अभिव्यक्ति के पैटर्न का अध्ययन है। तेलीचेरी में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, वह मद्रास चली गईं जहाँ उन्होंने क्वीन मैरी कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और वर्ष 1921 में प्रेसीडेंसी कॉलेज से वनस्पति विज्ञान में ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की। उन्हें वर्ष 1977 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया और वे भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण की महानिदेशक बनीं।*
स्रोत: https://atomstalk.com/stories/janaki-ammal-indias-first-woman-phd-in-botany/
*उपरोक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।