स्टोन कटर बड़े कठोर पत्थर के स्लैब को आवश्यकतानुसार अलग-अलग आकारों में काटने व आगे की प्रक्रिया के लिए उत्तरदायी होते हैं। इसके लिए उन्हें मशीन के संचालन में कुशल बनाया जाता है ताकि पत्थर को प्रभावी रूप से काटा जा सके। इसके अलावा, वे खराद मशीन के संचालन के माध्यम से विभिन्न विशेषताओं वाले पत्थर के घटकों का उत्पादन भी करते हैं। शिल्पकार मशीन की कार्यक्षमता को बनाए रखने के लिए इसके संचालन पर लगातार निगरानी रखते हैं और जरूरत पड़ने पर इसकी सेटिंग्स में समायोजन भी करते हैं।
व्यक्तिगत क्षमताएं
• आप शारीरिक रूप से स्वस्थ हों।
• आप समूह में काम करने में सहज हों।
• आपके हाथों तथा आंखों का समन्वय अच्छा हो।
• आपको वस्तुओं को संयोजित करना पसंद हो।
प्रवेश मार्ग
न्यूनतम योग्यता
कक्षा 8 उत्तीर्ण करने के बाद और नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एन.एस.क्यू.एफ.)* स्तर 3 स्टोन कटर (कटिंग मशीन ऑपरेटर) पाठ्यक्रम में नामांकन के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।
कृपया नामांकन के दौरान पाठ्यक्रम अवधि की जांच करें।
शैक्षिक संस्थान
संस्थानों की यह सूची केवल सांकेतिक है। सरकारी संस्थान
1.केंद्रीय कर्मचारी प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, कोलकाता, पश्चिम बंगाल
2.प्रशिक्षण महानिदेशालय, पणजी, गोवा
3.सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, (एम.एस.एम.ई.-प्रौद्योगिकी केंद्र), नई दिल्ली
4.एन.आई.ओ.एस प्रशिक्षण केंद्र, उत्तर प्रदेश
फीस
अनुमानित पाठ्यक्रम शुल्क रूपए 10,000 - 50,000* के बीच है । *उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
छात्रवृत्ति/ऋण
छात्रवृत्ति
• सभी नवीनतम जानकारियों के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। इस पोर्टल के अंतर्गत केंद्र के विभिन्न विभागों, यू.जी.सी./ए.आई.सी.टी.ई. योजनाओं और राज्य शासन की योजनाएं प्रस्तुत की जाती हैं।*
• योग्यता के आधार पर संस्थानों द्वारा भी छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।* *(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
ऋण
•विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in , शिक्षा ऋण लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्च शिक्षा विभाग (शिक्षा मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है , पोर्टल पर कभी भी विद्यार्थी बैंकों में शिक्षा ऋण आवेदनों को देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और शिक्षा ऋण की तथागत स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
•कुछ राज्यों में कम ब्याज दर पर विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
•सभी बैंक शिक्षा ऋण प्रदान करते हैं।
आप कहाँ पर कार्य करेंगे
कार्य स्थल : स्टोन कटिंग कंपनियां, टाइल कंपनी, कला और शिल्प निर्माण कंपनियां।
उद्यमिता: अनुभव प्राप्त करने के बाद हमेशा अपना खुद का सेटअप बनाने और स्टोन क्राफ्ट डिज़ाइनिंग कारीगरों को उत्पाद बेचने की गुंजाइश होती है।
कार्य वातावरण: सामान्य काम सप्ताह में 6 दिन और प्रतिदिन 8-9 घंटे का होता है।
इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
किस प्रकार तरक्की कर सकते हैं
हेल्पर → स्टोन कटर, मशीन →प्रोसेस सुपरवाइजर
अपेक्षाकृत वेतन
स्टोन कटर (कटिंग मशीन ऑपरेटर) - स्टोन क्राफ्ट की आय रुपए 10,000 - 25,000* प्रतिमाह हो सकती है।
सिकंदरा, जो कभी एक पिछड़ा इलाका माना जाता था, अब पत्थर की कलाकृतियों के व्यापार का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है। उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों से खरीदार यहां न केवल छोटी कलाकृतियां खरीदने आते हैं, बल्कि पत्थर के खंभे, बाड़, कुर्सियां और बगीचे की अन्य सजावट सामग्री भी लेते हैं। यहां के कारीगर ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया में भी अपनी कलाकृतियों का निर्यात करते हैं। इन कलाकृतियों में जाली का काम, बर्तन, देवी-देवताओं की मूर्तियां, पशु आकृतियां, लैंप, खंभे, मंदिर के मॉडल, फव्वारे और फर्नीचर शामिल होते हैं।
गैंदा लाल गुज्जर ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया, "मेरे दोस्त कालू राम ने मुझे अपने काम में मदद के लिए कहा और शुरुआती दिनों में मैं 2-3 घंटे काम करके प्रतिदिन 12 से 15 रुपए कमाता था। धीरे-धीरे मैंने अपने कौशल को बेहतर किया और अब मैं प्रतिदिन रुपए 100 तक कमाने लगा हूं। अब हम परिवार के चार सदस्य मिलकर यह काम करते हैं और हर महीने लगभग रुपए 60,000 से 70,000 कमा लेते हैं।"
राजस्थान सरकार द्वारा स्थापित स्टोन डेवलपमेंट सेंटर (सी.डी.ओ.एस.) अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त एक उत्कृष्टता केंद्र है, जिसका उद्देश्य डायमेंशनल स्टोन सेक्टर को विकसित, प्रोत्साहित और समर्थन देना है। सीडीओएसने क्षेत्र के युवाओं को प्रशिक्षित किया, जिससे उन्होंने मशीनों के संचालन और रखरखाव में दक्षता प्राप्त की। पहले, पत्थर के प्रसंस्करण में उपयोग होने वाले औजारों और मोटरों की मरम्मत के लिए लोगों को दौसा या जयपुर जाना पड़ता था। अब, इन युवाओं ने न केवल पत्थरों को तराशने में विशेषज्ञता हासिल की है, बल्कि कटर और मोटर जैसे औजारों की मरम्मत में भी कुशल हो गए हैं। सीनियर शिल्पकार खैराती लाल कहते हैं, "युवाओं की बढ़ती रुचि और प्रशिक्षण के कारण, वे अब पत्थरों को तराशने के साथ-साथ उपकरणों की मरम्मत करने में भी निपुण हो गए हैं। हमें उन पर पूरा भरोसा है क्योंकि उन्हें अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया गया है।"
सीडीओएस के सीईओ आर.के. गुप्ता ने कहा, "सी.डी.ओ.एस. ने सिकंदरा के कारीगरों को अपने उपकरण और कौशल उन्नत करने में मदद की है और उन्हें खरीदारों से बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित किया है। अब वे शोरूम के माध्यम से व्यापार करते हैं, अपनी वेबसाइट बनाई है और स्वयं के ब्रोशर प्रकाशित करते हैं।"
स्टोन कटर (कटिंग मशीन ऑपरेटर) – स्टोन क्राफ्ट
NCS Code: NA | TST070• आप शारीरिक रूप से स्वस्थ हों।
• आप समूह में काम करने में सहज हों।
• आपके हाथों तथा आंखों का समन्वय अच्छा हो।
• आपको वस्तुओं को संयोजित करना पसंद हो।
न्यूनतम योग्यता
कक्षा 8 उत्तीर्ण करने के बाद और नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एन.एस.क्यू.एफ.)* स्तर 3 स्टोन कटर (कटिंग मशीन ऑपरेटर) पाठ्यक्रम में नामांकन के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।
कृपया नामांकन के दौरान पाठ्यक्रम अवधि की जांच करें।
संस्थानों की यह सूची केवल सांकेतिक है।
सरकारी संस्थान
1.केंद्रीय कर्मचारी प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, कोलकाता, पश्चिम बंगाल
2.प्रशिक्षण महानिदेशालय, पणजी, गोवा
3.सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, (एम.एस.एम.ई.-प्रौद्योगिकी केंद्र), नई दिल्ली
4.एन.आई.ओ.एस प्रशिक्षण केंद्र, उत्तर प्रदेश
अनुमानित पाठ्यक्रम शुल्क रूपए 10,000 - 50,000* के बीच है ।
*उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
छात्रवृत्ति
• सभी नवीनतम जानकारियों के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। इस पोर्टल के अंतर्गत केंद्र के विभिन्न विभागों, यू.जी.सी./ए.आई.सी.टी.ई. योजनाओं और राज्य शासन की योजनाएं प्रस्तुत की जाती हैं।*
• योग्यता के आधार पर संस्थानों द्वारा भी छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।*
*(इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है।)
ऋण
•विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in , शिक्षा ऋण लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्च शिक्षा विभाग (शिक्षा मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है , पोर्टल पर कभी भी विद्यार्थी बैंकों में शिक्षा ऋण आवेदनों को देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और शिक्षा ऋण की तथागत स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
•कुछ राज्यों में कम ब्याज दर पर विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
•सभी बैंक शिक्षा ऋण प्रदान करते हैं।
कार्य स्थल : स्टोन कटिंग कंपनियां, टाइल कंपनी, कला और शिल्प निर्माण कंपनियां।
उद्यमिता: अनुभव प्राप्त करने के बाद हमेशा अपना खुद का सेटअप बनाने और स्टोन क्राफ्ट डिज़ाइनिंग कारीगरों को उत्पाद बेचने की गुंजाइश होती है।
कार्य वातावरण: सामान्य काम सप्ताह में 6 दिन और प्रतिदिन 8-9 घंटे का होता है।
इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
हेल्पर → स्टोन कटर, मशीन →प्रोसेस सुपरवाइजर
स्टोन कटर (कटिंग मशीन ऑपरेटर) - स्टोन क्राफ्ट की आय रुपए 10,000 - 25,000* प्रतिमाह हो सकती है।
स्रोत:https://bit.ly/3jxaQ3g
*उल्लेखित आय सांकेतिक एवं परिवर्तनीय है।
फील्ड के कुछ अनुभव
सिकंदरा, जो कभी एक पिछड़ा इलाका माना जाता था, अब पत्थर की कलाकृतियों के व्यापार का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है। उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों से खरीदार यहां न केवल छोटी कलाकृतियां खरीदने आते हैं, बल्कि पत्थर के खंभे, बाड़, कुर्सियां और बगीचे की अन्य सजावट सामग्री भी लेते हैं। यहां के कारीगर ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया में भी अपनी कलाकृतियों का निर्यात करते हैं। इन कलाकृतियों में जाली का काम, बर्तन, देवी-देवताओं की मूर्तियां, पशु आकृतियां, लैंप, खंभे, मंदिर के मॉडल, फव्वारे और फर्नीचर शामिल होते हैं।
गैंदा लाल गुज्जर ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया, "मेरे दोस्त कालू राम ने मुझे अपने काम में मदद के लिए कहा और शुरुआती दिनों में मैं 2-3 घंटे काम करके प्रतिदिन 12 से 15 रुपए कमाता था। धीरे-धीरे मैंने अपने कौशल को बेहतर किया और अब मैं प्रतिदिन रुपए 100 तक कमाने लगा हूं। अब हम परिवार के चार सदस्य मिलकर यह काम करते हैं और हर महीने लगभग रुपए 60,000 से 70,000 कमा लेते हैं।"
राजस्थान सरकार द्वारा स्थापित स्टोन डेवलपमेंट सेंटर (सी.डी.ओ.एस.) अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त एक उत्कृष्टता केंद्र है, जिसका उद्देश्य डायमेंशनल स्टोन सेक्टर को विकसित, प्रोत्साहित और समर्थन देना है। सीडीओएसने क्षेत्र के युवाओं को प्रशिक्षित किया, जिससे उन्होंने मशीनों के संचालन और रखरखाव में दक्षता प्राप्त की। पहले, पत्थर के प्रसंस्करण में उपयोग होने वाले औजारों और मोटरों की मरम्मत के लिए लोगों को दौसा या जयपुर जाना पड़ता था। अब, इन युवाओं ने न केवल पत्थरों को तराशने में विशेषज्ञता हासिल की है, बल्कि कटर और मोटर जैसे औजारों की मरम्मत में भी कुशल हो गए हैं। सीनियर शिल्पकार खैराती लाल कहते हैं, "युवाओं की बढ़ती रुचि और प्रशिक्षण के कारण, वे अब पत्थरों को तराशने के साथ-साथ उपकरणों की मरम्मत करने में भी निपुण हो गए हैं। हमें उन पर पूरा भरोसा है क्योंकि उन्हें अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया गया है।"
सीडीओएस के सीईओ आर.के. गुप्ता ने कहा, "सी.डी.ओ.एस. ने सिकंदरा के कारीगरों को अपने उपकरण और कौशल उन्नत करने में मदद की है और उन्हें खरीदारों से बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित किया है। अब वे शोरूम के माध्यम से व्यापार करते हैं, अपनी वेबसाइट बनाई है और स्वयं के ब्रोशर प्रकाशित करते हैं।"
स्रोत: https://www.thehindu.com/features/magazine/ stories-in-stone/article4484528.ece
*उपरोक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।