पर्यावरण इंजीनियर मृदा विज्ञान, जीव विज्ञान और रसायन विज्ञान के सिद्धांतों का उपयोग करके कचरे का निपटान, मिट्टी का कटाव, पानी और वायु प्रदूषण के लिए समाधान खोजते हैं। ये प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तकनीकी उपकरण डिजाइन करते हैं। ये पर्यावरण और जन स्वास्थ्य में सुधार के लिए भी उत्तरदायी होते हैं।
व्यक्तिगत क्षमताएं
• आपका संचार कौशल अच्छा हो।
• आप समस्याओं का विश्लेषण और समाधान करने में सक्षम हों।
• आप एक टीम में काम करना पसंद करते हों।
• आप पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर चिंतन करते हों ।।
प्रवेश मार्ग
1. विज्ञान वर्ग (भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित) में 10+2 उत्तीर्ण ।
2. पर्यावरण इंजीनियरिंग में बी.टेक./बी.ई. करें और साथ ही पर्यावरण इंजीनियरिंग या संबद्ध क्षेत्र में एम.टेक./एम.ई. करें। अथवा
पर्यावरण इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करें। अथवा
स्नातक के बाद उसी या संबंधित क्षेत्र में स्नातकोत्तर करें ।
प्रवेश के लिए, आपको राष्ट्रीय स्तर (जे.ई.ई मेन, जे.ई.ई एडवांस इत्यादि) या राज्य स्तर (डब्ल्यू.बी.जे.ई.ई., ए.पी. ई.ए.एम.सी.ई.टी. इत्यादि) पर आयोजित प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
कृपया नामांकन के दौरान पाठ्यक्रम अवधि की जांच करें।
शैक्षिक संस्थान
यह पाठ्यक्रम पर्यावरण इंजीनियरिंग विभाग द्वारा संचालित किया जाता है। संस्थानों की यह सूची केवल सांकेतिक है।
सरकारी संस्थान
1. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कुरुक्षेत्र, हरियाणा
2. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की, उत्तराखंड
3. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, वारंगल, तेलंगाना
4. दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
5. महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा, गुजरात
6. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे, महाराष्ट्र
7. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान धनबाद, झारखंड
8. जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, हैदराबाद, तेलंगाना
निजी संस्थान
(कृपया आवेदन करने से पहले जांच लें कि संस्थान यू.जी.सी. और ए.आई.सी.टी.ई. से संबद्ध और मान्यता प्राप्त है)
1. हिंदुस्तान इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, चेन्नई, तमिलनाडु
2. वीरमाता जीजाबाई टेक्नोलॉजिकल इंस्टिट्यूट (वी.जे.टी.आई.), मुंबई, महाराष्ट्र
3. सिंघानिया यूनिवर्सिटी, झुंझुनू, राजस्थान
4. श्री के. जे. पॉलिटेक्निक, भरूच, गुजरात
5. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग पुणे (सी.ओ.ई.पी.), महाराष्ट्र
6. यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, जयपुर, राजस्थान
7. श्री रामस्वामी मेमोरियल (एस.आर.एम.) यूनिवर्सिटी, चेन्नई, तमिलनाडु
8. मणिपाल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एम.आई.टी.), मणिपाल, कर्नाटक
अनुमानित पाठ्यक्रम शुल्क रुपए 20,000 - 2,00,000* के बीच है।
* उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
छात्रवृत्ति/ऋण
छात्रवृत्ति
• किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना छात्रवृत्तिः यह छात्रवृत्ति अभियांत्रिकी स्नातक पाठ्यक्रम के पहले वर्ष में नामांकित विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है। इसकी पात्रता में एक योग्यता परीक्षा शामिल है। यह भारत सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है, जिसके पास वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए एक उत्तम योग्यता होती है ।*
• योग्यता-सह-साधन आधारित छात्रवृत्तिः अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा प्रत्येक वर्ष लगभग 20,000 अभियांत्रिकी छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं। इस योजना के अंतर्गत उम्मीदवारों का समस्त पाठ्यक्रम शुल्क सीधे उनके संस्थानों को भुगतान किया जाता है ।*
• इंडियन ऑयल एजुकेशनल स्कॉलरशिपः आई.ओ.सी. लिमिटेड पात्र विद्यार्थियों को प्रत्येक वर्ष 300 छात्रवृत्तियां प्रदान करता है, इसके लिए विद्यार्थियों को एक स्नातक पाठ्यक्रम में नामांकित होना होता है। छात्रवृत्ति विशेष रूप से शारीरिक अक्षमता वाले छात्रों, महिलाओं और उत्तर पूर्व और जम्मू-कश्मीर के विद्यार्थियों के लिए है।*
• सभी नवीनतम जानकारियों के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। इस पोर्टल के अंतर्गत केंद्र के विभिन्न विभागों, यू.जी.सी./ए.आई.सी.टी.ई. योजनाओं और राज्य शासन की योजनाएं प्रस्तुत की जाती हैं।*
• योग्यता के आधार पर संस्थानों द्वारा भी छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।*
* (इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है ।)
ऋण
• विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in, शिक्षा ऋण लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्च शिक्षा विभाग (शिक्षा मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है, पोर्टल पर कभी भी विद्यार्थी बैंकों में शिक्षा ऋण आवेदनों को देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और शिक्षा ऋण की तथागत स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
• कुछ राज्यों में कम ब्याज दर पर विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
• सभी बैंक शिक्षा ऋण प्रदान करते हैं।
आप कहाँ पर कार्य करेंगे
कार्य स्थल: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (राज्य सरकार), वैज्ञानिक और तकनीकी परामर्श सेवाएं, पेट्रोकेमिकल उद्योग, हाइड्रो-केमिकल उद्योग, जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन, अनुसंधान और नवाचार में शामिल संगठन ।
कार्य वातावरणः आपको हर दिन कम से कम 8 घंटे काम करना होगा और जरूरत पड़ने पर ओवरटाइम भी करना पड़ सकता है। शिफ्ट प्रणाली भी उपलब्ध है।
* इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
किस प्रकार तरक्की कर सकते हैं
पर्यावरण इंजीनियरिंग तकनीशियन → पर्यावरण विज्ञान इंजीनियर → पर्यावरण विज्ञान स्वास्थ्य और सुरक्षा अधिकारी → पर्यावरण अनुपालन निरीक्षक → परियोजना अधिकारी→ प्रोफेसर / वैज्ञानिक / शोधकर्ता
अपेक्षाकृत वेतन
पर्यावरण अभियंता की आय रुपए 30,000 - 82,000* प्रतिमाह हो सकती है।
डॉ. राकेश कुमार ने राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (सी.एस.आई.आर.) के निदेशक के रूप में कार्य किया। उन्होंने पर्यावरण इंजीनियरिंग में आर.टी.एम नागपुर विश्वविद्यालय से पी.एच.डी. की। उन्हें पर्यावरण विज्ञान और इंजीनियरिंग के सभी क्षेत्रों, विशेष रूप से वायु प्रदूषण नियंत्रण और प्रबंधन, शहरी वायु गुणवत्ता निगरानी, जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य में व्यापक अनुभव है। डॉ. कुमार ने घरेलू और औद्योगिक अपशिष्ट जल के पुनः उपयोग और पुनर्चक्रण के लिए प्रौद्योगिकियों के विकास में योगदान दिया है, जिसकी वजह से देश में मौलिक परिवर्तन आया है।*
पर्यावरण अभियंता
NCS Code: 3257.0500 | E018• आपका संचार कौशल अच्छा हो।
• आप समस्याओं का विश्लेषण और समाधान करने में सक्षम हों।
• आप एक टीम में काम करना पसंद करते हों।
• आप पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर चिंतन करते हों ।।
1. विज्ञान वर्ग (भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित) में 10+2 उत्तीर्ण ।
2. पर्यावरण इंजीनियरिंग में बी.टेक./बी.ई. करें और साथ ही पर्यावरण इंजीनियरिंग या संबद्ध क्षेत्र में एम.टेक./एम.ई. करें।
अथवा
पर्यावरण इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करें।
अथवा
स्नातक के बाद उसी या संबंधित क्षेत्र में स्नातकोत्तर करें ।
प्रवेश के लिए, आपको राष्ट्रीय स्तर (जे.ई.ई मेन, जे.ई.ई एडवांस इत्यादि) या राज्य स्तर (डब्ल्यू.बी.जे.ई.ई., ए.पी. ई.ए.एम.सी.ई.टी. इत्यादि) पर आयोजित प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
कृपया नामांकन के दौरान पाठ्यक्रम अवधि की जांच करें।
यह पाठ्यक्रम पर्यावरण इंजीनियरिंग विभाग द्वारा संचालित किया जाता है।
संस्थानों की यह सूची केवल सांकेतिक है।
सरकारी संस्थान
1. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कुरुक्षेत्र, हरियाणा
2. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की, उत्तराखंड
3. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, वारंगल, तेलंगाना
4. दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
5. महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा, गुजरात
6. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे, महाराष्ट्र
7. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान धनबाद, झारखंड
8. जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, हैदराबाद, तेलंगाना
निजी संस्थान
(कृपया आवेदन करने से पहले जांच लें कि संस्थान यू.जी.सी. और ए.आई.सी.टी.ई. से संबद्ध और मान्यता प्राप्त है)
1. हिंदुस्तान इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, चेन्नई, तमिलनाडु
2. वीरमाता जीजाबाई टेक्नोलॉजिकल इंस्टिट्यूट (वी.जे.टी.आई.), मुंबई, महाराष्ट्र
3. सिंघानिया यूनिवर्सिटी, झुंझुनू, राजस्थान
4. श्री के. जे. पॉलिटेक्निक, भरूच, गुजरात
5. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग पुणे (सी.ओ.ई.पी.), महाराष्ट्र
6. यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, जयपुर, राजस्थान
7. श्री रामस्वामी मेमोरियल (एस.आर.एम.) यूनिवर्सिटी, चेन्नई, तमिलनाडु
8. मणिपाल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एम.आई.टी.), मणिपाल, कर्नाटक
संस्थान रैंकिंग की जानकारी यहां उपलब्ध है - https://www.nirfindia.org/Rankings/2023/Ranking.html
दूरस्थ शिक्षा संस्थान
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू)
अनुमानित पाठ्यक्रम शुल्क रुपए 20,000 - 2,00,000* के बीच है।
* उपरोक्त आंकड़े अनुमानित हैं। यह अलग-अलग संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं।
छात्रवृत्ति
• किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना छात्रवृत्तिः यह छात्रवृत्ति अभियांत्रिकी स्नातक पाठ्यक्रम के पहले वर्ष में नामांकित विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है। इसकी पात्रता में एक योग्यता परीक्षा शामिल है। यह भारत सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों को प्रदान की जाती है, जिसके पास वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए एक उत्तम योग्यता होती है ।*
• योग्यता-सह-साधन आधारित छात्रवृत्तिः अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा प्रत्येक वर्ष लगभग 20,000 अभियांत्रिकी छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं। इस योजना के अंतर्गत उम्मीदवारों का समस्त पाठ्यक्रम शुल्क सीधे उनके संस्थानों को भुगतान किया जाता है ।*
• इंडियन ऑयल एजुकेशनल स्कॉलरशिपः आई.ओ.सी. लिमिटेड पात्र विद्यार्थियों को प्रत्येक वर्ष 300 छात्रवृत्तियां प्रदान करता है, इसके लिए विद्यार्थियों को एक स्नातक पाठ्यक्रम में नामांकित होना होता है। छात्रवृत्ति विशेष रूप से शारीरिक अक्षमता वाले छात्रों, महिलाओं और उत्तर पूर्व और जम्मू-कश्मीर के विद्यार्थियों के लिए है।*
• सभी नवीनतम जानकारियों के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल http://www.scholarships.gov.in पर जाएं। इस पोर्टल के अंतर्गत केंद्र के विभिन्न विभागों, यू.जी.सी./ए.आई.सी.टी.ई. योजनाओं और राज्य शासन की योजनाएं प्रस्तुत की जाती हैं।*
• योग्यता के आधार पर संस्थानों द्वारा भी छात्रवृत्तियां उपलब्ध कराई जाती हैं।*
* (इन छात्रवृत्तियों की उपलब्धता समय-समय पर भिन्न हो सकती है ।)
ऋण
• विद्यालक्ष्मी, http://www.vidyalakshmi.co.in, शिक्षा ऋण लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक पोर्टल है। यह पोर्टल वित्तीय सेवा विभाग (वित्त मंत्रालय), उच्च शिक्षा विभाग (शिक्षा मंत्रालय) और भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है, पोर्टल पर कभी भी विद्यार्थी बैंकों में शिक्षा ऋण आवेदनों को देख सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं और शिक्षा ऋण की तथागत स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
• कुछ राज्यों में कम ब्याज दर पर विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध हैं, उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, आदि।
• सभी बैंक शिक्षा ऋण प्रदान करते हैं।
कार्य स्थल: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (राज्य सरकार), वैज्ञानिक और तकनीकी परामर्श सेवाएं, पेट्रोकेमिकल उद्योग, हाइड्रो-केमिकल उद्योग, जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन, अनुसंधान और नवाचार में शामिल संगठन ।
कार्य वातावरणः आपको हर दिन कम से कम 8 घंटे काम करना होगा और जरूरत पड़ने पर ओवरटाइम भी करना पड़ सकता है। शिफ्ट प्रणाली भी उपलब्ध है।
* इस क्षेत्र में विशेष आवश्यकता समूह वालों के लिए कार्य के अवसर उपलब्ध हैं।
पर्यावरण इंजीनियरिंग तकनीशियन → पर्यावरण विज्ञान इंजीनियर → पर्यावरण विज्ञान स्वास्थ्य और सुरक्षा अधिकारी → पर्यावरण अनुपालन निरीक्षक → परियोजना अधिकारी→ प्रोफेसर / वैज्ञानिक / शोधकर्ता
पर्यावरण अभियंता की आय रुपए 30,000 - 82,000* प्रतिमाह हो सकती है।
स्रोत: https://www.glassdoor.co.in/Sala-ries/environmental-engineer-salary-SRCH_KO022.htm
* उल्लेखित आय सांकेतिक एवं परिवर्तनीय है।
फील्ड के कुछ अनुभव
डॉ. राकेश कुमार ने राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (सी.एस.आई.आर.) के निदेशक के रूप में कार्य किया। उन्होंने पर्यावरण इंजीनियरिंग में आर.टी.एम नागपुर विश्वविद्यालय से पी.एच.डी. की। उन्हें पर्यावरण विज्ञान और इंजीनियरिंग के सभी क्षेत्रों, विशेष रूप से वायु प्रदूषण नियंत्रण और प्रबंधन, शहरी वायु गुणवत्ता निगरानी, जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य में व्यापक अनुभव है। डॉ. कुमार ने घरेलू और औद्योगिक अपशिष्ट जल के पुनः उपयोग और पुनर्चक्रण के लिए प्रौद्योगिकियों के विकास में योगदान दिया है, जिसकी वजह से देश में मौलिक परिवर्तन आया है।*
स्रोत: https://inair-neeri.res.in/team-member/22
* उपरोक्त जानकारी केवल प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए है और इसका उपयोग किसी व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा।